Train Rush After Chhath Puja: महापर्व छठ संपन्न होने के बाद बिहारी कामगारों की घर वापसी अब काम की राह पर निकलने लगी है. बुधवार को पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल और दानापुर स्टेशन पर यात्रियों की इतनी भीड़ उमड़ी कि रेलवे प्रशासन के पसीने छूट गए. सबसे ज्यादा दबाव दिल्ली, मुंबई, पुणे और बेंगलुरु जाने वाली ट्रेनों पर रहा. श्रमजीवी एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति, विक्रमशिला और दानापुर-पुणे एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की भीड़ ऐसे उमड़ी मानो छूटते ही जगह की होड़ लग जाएगी.
श्रमजीवी एक्सप्रेस आते ही मचा हड़कंप
सुबह 10:30 बजे जैसे ही श्रमजीवी एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर पहुंची, यात्रियों में कोच में जगह पाने की होड़ मच गई. ट्रेन के आने से 10 मिनट पहले ही सैकड़ों यात्री ट्रैक के दोनों ओर उतरकर खड़े हो गए थे. जनरल और स्लीपर कोच भरने के बाद कई लोग पार्सल बोगी तक में घुस गए.
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, भीड़ इतनी अधिक थी कि करीब 200 मीटर लंबी कतार प्लेटफॉर्म पर लगी रही. आरपीएफ को यात्रियों को हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
राजेंद्र नगर में भी संपूर्ण क्रांति पर टूटा सैलाब
छठ के बाद बिहार से कामकाजी लोगों की वापसी ने पटना रेल मंडल की सारी तैयारियों की पोल खोल दी. यात्रियों की भीड़ ने रेलवे की व्यवस्था को ऐसा झकझोरा कि प्लेटफॉर्म से लेकर ट्रैक तक अफरा-तफरी मच गई. पटना मंडल रेलवे प्रबंधन ने छठ पर्व के मद्देनजर पटना जंक्शन और राजेंद्र नगर टर्मिनल का निरीक्षण कर सुविधाजनक आवागमन की तैयारियों का दावा तो किया था, लेकिन हकीकत यह रही कि लौटती भीड़ के सामने सारी व्यवस्था नाकाफी साबित हुई.
राजेंद्र नगर टर्मिनल पर दिल्ली जाने वाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के लिए स्थिति और भी विस्फोटक रही. हजारों यात्री अनारक्षित टिकट लेकर ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते दिखे. जैसे ही ट्रेन पटना जंक्शन पहुंची, वहां पहले से इंतजार कर रहे यात्रियों की भीड़ टूट पड़ी.
कई यात्री जनरल कोच में घुस नहीं पाए और मजबूरन प्लेटफॉर्म पर बैठकर स्पेशल ट्रेन का इंतजार करते रहे. रेलवे अधिकारियों ने भीड़ को संभालने के लिए कई बार ट्रेन को वैक्यूम कर रोका, ताकि सुरक्षित तरीके से यात्रियों को चढ़ाया जा सके.
अधिकारियों के छूटे पसीने
पटना जंक्शन पर भीड़ को नियंत्रित करने में रेलवे प्रशासन के पसीने छूट गए. जंक्शन निदेशक अरुण कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर और दो अन्य अधिकारी खुद मौके पर यात्रियों को समझाते और रोकने की कोशिश करते दिखे.
फिर भी कई यात्री पार्सल बोगी और गार्ड के डिब्बे तक में चढ़ गए. दानापुर से लेकर पटना तक, दिल्ली और मुंबई रूट की ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं बची थी. दानापुर-पुणे, विक्रमशिला, पटना-कोटा और रांची-बेंगलुरु ट्रेनों में भी भारी भीड़ रही.
तत्काल टिकट पर ‘वेटिंग’ की जंग
टिकट काउंटरों पर भी यात्रियों का रेला लगा रहा. बेंगलुरु, पुणे, लखनऊ, दिल्ली और मुंबई की टिकटें कुछ मिनटों में ही वेटिंग से फुल हो गईं. तत्काल काउंटर पर लंबी कतारों में खड़े लोग मोबाइल से टिकट कन्फर्म करने की जद्दोजहद करते दिखे.
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि छठ पर्व के बाद हर साल यात्रियों की संख्या में तीन से चार गुना बढ़ोतरी होती है. इस बार स्थिति और भी गंभीर है क्योंकि कई प्राइवेट बसें और फ्लाइटें फुल बुक हैं.
रेल प्रशासन के सामने चुनौती
रेलवे अधिकारियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है—बिना आरक्षण यात्रियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करना. भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए अतिरिक्त आरपीएफ जवानों की तैनाती की गई है और भीड़ वाले रूटों पर अस्थायी नियंत्रण बूथ बनाए गए हैं.

