– बीते पांच दिन में पुलिस पर हमले की हुई तीन बड़ी घटनाएं, दो एएसआइ की मौत, आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल संवाददाता, पटना बीते महीनों में पुलिस पर हमले के मामले बढ़े हैं. पिछले पांच दिन में ही पुलिस पर हमले की तीन बड़ी घटनाएं हुईं, जिनमें दो एएसआइ की मृत्यु हो गयी, जबकि करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इन घटनाओं के पीछे कार्रवाई के दौरान पुलिस बल की कमी बतायी जा रही है. 12 मार्च को अररिया जिले के फुलकाहा थाना क्षेत्र में फरार वारंटी की गिरफ्तारी के दौरान धक्का-मुक्की में एएसआइ राजीव रंजन मल्ल की मौत हो गयी. वहीं, 14 मार्च को मुंगेर जिले के मुफ्फसिल थानांतर्गत नंदलालपुर गांव में शराब पीकर हंगामा कर रहे लोगों को समझाने पहुंचे डायल 112 के एएसआइ संतोष कुमार सिंह पर धारदार हथियार से हमला कर उनको गंभीर रूप से चोटिल कर दिया गया. रेफर के बाद पटना में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. तीसरी घटना 15 मार्च को भागलपुर जिले के अंतिचक थाना अंतर्गत हुई, जहां मामले को सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर लोगों ने पथराव किया. इस पथराव में बिहार पुलिस के एक एसआइ, तीन सिपाही और एक चौकीदार जख्मी हो गये हैं. रेस्पांस टाइम कम रखने के चक्कर में पुलिस बल का नहीं कर रहे इंतजार दरअसल, हाल के दिनों में बिहार पुलिस रेस्पांस टाइम पर गंभीरता से ध्यान दे रही है. मुख्यालय स्तर यह मॉनीटरिंग की जा रही है कि पुलिस सूचना मिलने के कितने समय के अंदर घटनास्थल पर पहुंच रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी मानते हैं कि रेस्पांस टाइम कम से कम रखने के प्रयास में पुलिस पदाधिकारी बेहद कम बल रहने पर भी घटनास्थल पर पहुंच जा रहे हैं. ऐसे में मामला बढ़ने पर बचाव में दिक्कत होती है. अररिया और मुंगेर में एएसआइ की मौत की बड़ी वजह यही रही. इसको देखते हुए वरीय अधिकारियों को घटना का सही ढंग से आकलन करते हुए पुलिसकर्मियों को आवश्यक बल के साथ घटनास्थल पर भेजे जाने के निर्देश दिये गये हैं. मुंगेर कांड का एक आरोपी एनकाउंटर में घायल, अन्य में 11 गिरफ्तार बिहार पुलिस के मुताबिक पुलिस पर हमले के मामलों की एडीजी (विधि-व्यवस्था) के स्तर पर कड़ी मॉनीटरिंग हो रही है. हाल के दिनों में हुए इन मामलों में अररिया के मामले में मुख्य आरोपी अनमोल यादव सहित छह अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, मुंगेर के मामले में पुलिस गिरफ्त से भागने का प्रयास कर रहे एक आरोपी गुड्डु यादव एनकाउंटर में घायल हुआ है. उसके पैर में गोली लगी है. भागलपुर के मामले में भी एसआइटी बना कर पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गयी है. …………….. हाल में पुलिस पर हुए हमले के कुछ प्रमुख मामले 08 मार्च ,2025 : पटना जिले के रानीतालाब थाना क्षेत्र स्थित राघोपुर मुसहरी गांव में शराब कारोबारियों के विरुद्ध छापेमारी करने पहुंची पुलिस पर तस्करों ने पथराव किया. इस हमले में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया, जबकि दो वाहन क्षतिग्रस्त हुए. 28 फरवरी, 2025 : पटना जिले के भदौर थाना की पुलिस पंडारक के कोंदी गांव के पास मारपीट मामले की जांच करने पहुंची थी. इस दौरान शिकायतकर्ता के परिजनों के हमले में एसआइ राजू कुमार सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गये. 17 फरवरी, 2025 : सुपौल जिले के तेकुना पंचायत में चोरी-छिपे शराब बेचने की सूचना पर छापेमारी करने गयी पुलिस पर महिलाओं के झुंड ने ईंट-पत्थर से हमला कर दिया. इस हमले में प्रतापगंज थानाध्यक्ष सहित 11 पुलिसकर्मी घायल हो गये. पुलिस वाहन सहित दो बाइक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. 04 जनवरी, 2025 : दरभंगा जिले के लहेरियासराय थाना की पुलिस पर स्थानीय लोगों द्वारा किये गये जानलेवा हमला में दो दारोगा सहित एक सिपाही गंभीर रूप से जख्मी हो गये. हमले के दौरान सब इंस्पेक्टर आरके दुबे और अमित कुमार से सरकारी पिस्टल भी छिनने का प्रयास किया गया. पुलिस समस्तीपुर कोर्ट से दहेज उत्पीड़न मामले में फरार वारंटी को गिरफ्तार करने पहुंची थी. 02 जनवरी, 2025 : नवादा जिले के काशीचक प्रखंड के शाहपुर थाना क्षेत्र के रेवार गांव में नशे की हालत में एक युवक को पकड़ कर लाया जा रहा था. तभी 10 से 12 की संख्या में लोगों ने पुलिस पर ही हमला कर दिया. इस हमले में डायल 112 के हवलदार ललन कुमार सहित अन्य पुलिस कर्मी जख्मी हो गये. 09 नवंबर ,2024 : पूर्वी चंपारण जिले के डुमरियाघाट थाना क्षेत्र स्थित रम्पुरवा गांव में एक सड़क हादसे में तीन लोगों के जख्मी होने के बाद उत्पन्न हुई खतरनाक स्थिति को संभालने गई पुलिस की टीम पर हमला हो गया. हालात संभालने के लिए पुलिस की ओर से लाठीचार्ज व फायरिंग की गयी. 01 नवंबर, 2024 : पूर्वी चंपारण के पहाड़पुर थाना इलाके के पूर्वी सरिया पंचायत में लड़की के अपहरण मामले के आरोपी को पकड़ने गयी पुलिस पर हमला हुआ. इस हमले में दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये.
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