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विवि शिक्षकों की बहाली में बदलेगी नियमावली, मुख्यमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र की गिनायीं उपलब्धियां, कहा- स्कूल से बाहर मात्र एक फीसदी बच्चे

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक की बहाली के इच्छुक लोगों की वर्ष 2009 से 2012 के बीच पीएचडी की अमान्यता और एमफिल संबंधी एतराज की भावनाओं का आदर करते हुए नियुक्ति के आधार में जरूरी परिवर्तन किया जायेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की सुविधा के लिए हमलोग हमेशा प्रयासरत हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्नयन बिहार की शिक्षा पद्धति को केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है. हर घर तक बिजली पहुंचने से बच्चों को स्मार्ट क्लास रूम का लाभ मिल रहा है. अभी कोरोना संक्रमण के कारण टीवी के माध्यम से बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था की गयी है. स्कूलों में वीडियो एवं कंटेंट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने की जो व्यवस्था शिक्षा विभाग ने की है. यह बहुत खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि शिक्षा समिति के द्वारा स्कूलों का बेहतर ढंग से निर्माण कराया गया. सभी स्कूलों के लिए चहारदीवारी बनायी गयी. राज्य में कई संस्थानों एवं यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया गया.

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक की बहाली के इच्छुक लोगों की वर्ष 2009 से 2012 के बीच पीएचडी की अमान्यता और एमफिल संबंधी एतराज की भावनाओं का आदर करते हुए नियुक्ति के आधार में जरूरी परिवर्तन किया जायेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की सुविधा के लिए हमलोग हमेशा प्रयासरत हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्नयन बिहार की शिक्षा पद्धति को केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है. हर घर तक बिजली पहुंचने से बच्चों को स्मार्ट क्लास रूम का लाभ मिल रहा है. अभी कोरोना संक्रमण के कारण टीवी के माध्यम से बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था की गयी है. स्कूलों में वीडियो एवं कंटेंट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने की जो व्यवस्था शिक्षा विभाग ने की है. यह बहुत खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि शिक्षा समिति के द्वारा स्कूलों का बेहतर ढंग से निर्माण कराया गया. सभी स्कूलों के लिए चहारदीवारी बनायी गयी. राज्य में कई संस्थानों एवं यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया गया.

सरकार में आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में किये कई सुधार

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई काम किये गये. मानव विकास मिशन की शुरुआत की गयी. हम जब सांसद थे, तो क्षेत्र भ्रमण के दौरान एक बच्चे ने अपने पढ़ने की इच्छा जाहिर की थी, मुझे उसकी बातें आज भी याद हैं. सरकार में आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी सभी चीजों का आकलन करायाख् ताकि कमियों का पता चल सके और उस पर तेजी से काम किया जा सके. आकलन के बाद पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, इनमें ज्यादातर बच्चे महादलित और अल्पसंख्यक वर्ग के हैं. टोला सेवक एवं तालिमी मरकज की बहाली कर बच्चों को शुरुआती जानकारी देते हुए स्कूल भेजा गया.

महिलाओं और लड़कियों के लिए शुरू की योजना

महिलाओं को अक्षर ज्ञान की जानकारी के लिए अक्षर आंचल योजना की शुरुआत की गयी. उन्होंने कहा कि माध्यमिक विद्यालय में बच्चियां गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाती थीं. शुरुआत में 8वीं कक्षा की लड़कियों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गयी. बाद में पहली कक्षा से 12 वीं कक्षा की लड़कियों के लिए पोशाक के साथ-साथ जूते-बैग वगैरह का भी इंतजाम कराया गया. आकलन में बात सामने आयी कि 9वीं क्लास में पढ़नेवाली लड़कियों की संख्या एक लाख 70 हजार थी. वर्ष 2008 में बालिका साइकिल योजना की शुरुआत की गयी. लड़कियां गांव से झुंड में साइकिल से स्कूल जाने लगीं, तो दृश्य बदल गया. स्कूल जानेवाली लड़कियों की संख्या तो बढ़ी ही, साथ ही उनका मनोबल भी बढ़ा. बाद में लड़कों के लिए भी साईकिल योजना की शुरुआत की गयी.

महिलाओं के शिक्षित होने से प्रजनन दर में आयी गिरावट

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमलोग सरकार में आये, तो उस समय राज्य का प्रजनन दर 4.3 था और अब घट कर यह 3.2 हो गया है. सर्वे से यह पता चला कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है, तो देश का औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 है. पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर पास है, तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 है और बिहार का 1.6 है. इस आंकड़े की जानकारी से यूरेका की भावना आयी और हमलोगों ने निर्णय किया कि अगर सभी लड़कियों को इंटर तक पढ़ाया जाये, तो ना केवल राज्य का प्रजनन दर कम होगा. बल्कि, शिक्षित होने से उनका मनोबल भी बढ़ेगा. राज्य में महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाये गये हैं. राज्य में 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है, जिससे 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ चुकी हैं.

बेंच-डेस्क और शौचालय के लिए तरसते स्कूलों में किये सारे इंतजाम, स्मार्ट क्लास रूम किये जाने लगे विकसित

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा के सारे इंतजाम किये गये. आवश्यकतानुसार वर्ग कक्षों के निर्माण के साथ-साथ बेंच, डेस्क की उपलब्धता करायी गयी. शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था की गयी है. एक वर्ग कक्ष को स्मार्ट क्लास रूम के रूप में विकसित करने के लिए टीवी की भी व्यवस्था की जा रही है. जिन विद्यालयों में नये वर्ग कक्ष निर्मित किये गये हैं, वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य भी कराया गया है. उन्होंने कहा कि स्कूलों से बाहर रहनेवाले बच्चे-बच्चियों की संख्या अब एक प्रतिशत से भी कम रह गयी है.

शिक्षा की बेहतरी के लिए बहाल किये गये साढ़े तीन लाख शिक्षक

शिक्षा की बेहतरी के लिए बिहार में 3.50 लाख शिक्षकों की बहाली की गयी. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को शिक्षकों के संबंध में की गयी घोषणा को लागू कर दिया गया है. राज्य के पंचायती राज संस्थान एवं नगर निकाय के शिक्षकों के सेवा शर्तों को बेहतर बनाने के लिए नयी सेवा शर्त नियमावली लागू कर दी गयी है. इनके सामाजिक सुरक्षा के लिए उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि (इंपलाई प्रोविडेंट फंड ईपीएफ) का लाभ दिया जायेगा. एक अप्रैल 2021 से वेतन वृद्धि को लागू कर दिया जायेगा. वेतनमद में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस पर लगभग 1950 करोड़ रुपये व्यय होगा. ईपीएफ पर 815 करोड़ अतिरिक्त व्यय होंगे. इस योजना के अंतर्गत कुल अतिरिक्त वित्तीय भार 2765 करोड़ रुपये बढ़ेगा. सभी लाभ को जोड़ने के बाद 20 प्रतिशत से ज्यादा का लाभ शिक्षकों को मिलेगा. शुरू से ही हमने शिक्षकों के लिए कभी नियोजित शब्द का प्रयोग नहीं किया है. उन्हें प्रोन्नति का भी अवसर मिलेगा. शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण का भी प्रावधान किया गया है.

योजनाओं की राशि सीधे लाभुकों के खाते में भेजी गयी

कोविड-19 के दौर में शिक्षा से संबंधित योजनाओं के लिए डीबीटी के माध्यम से 2892 करोड़ 20 लाख की राशि बच्चों के खाते में अंतरित कर दी गयी. बालिका पोशाक योजना, छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना, कन्या उत्थान योजना, मध्याह्न भोजन योजना की राशि भी अंतरित कर दी गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट योजना की शुरुआत की गयी, जिसमें लड़कियों को एक प्रतिशत एवं लड़कों को चार प्रतिशत ऋण पर ब्याज उपलब्ध कराया गया है. ताकि, वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें. उच्च शिक्षा के लिए अब तक 4 हजार करोड़ रुपए का ऋण छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं पढ़ाई पर ध्यान दें, जरूरत हुई तो ऋण माफ भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि देश की उच्च शिक्षा दर 24 प्रतिशत है, जबकि बिहार की उच्च शिक्षा दर 13.9 प्रतिशत है. राज्य की उच्च शिक्षा दर 30 प्रतिशत से अधिक को प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है.

मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालयों में उपलब्ध करायी सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के आवासन के लिए छात्रावास का उद्घाटन, शैक्षणिक भवन, प्रशासनिक भवन एवं परीक्षा भवन का भी आज उद्घाटन कराया गया है. मौलाना मजहरुल हक प्रसिद्ध विभूति थे. उनसे 10 अप्रैल 1917 को चंपारण यात्रा के दौरान गांधी जी ने मुलाकात की थी. चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरे होने पर बापू के जीवन एवं उनके संदेशों को स्कूलों के सभी बच्चों तक पुस्तक के माध्यम से जानकारी दी जा रही है. मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय में अरबी-फारसी की पढ़ाई भी शुरू हो गयी है. मदरसा शिक्षा के लिए भी हमलोगों ने सबी तरह की सुविधाएं हमलोगों ने उपलब्ध करायी है. मदरसा शिक्षा बोर्ड अपना काम बेहतर तरीके से करते रहे.

2005 में शिक्षा का बजट 4366 करोड़ रुपये था, अब हुआ 33 हजार 191 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की चार शाखाएं (सेंटर ऑफ ज्योग्राफिकल स्टडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, नदियों का अध्ययन केंद्र एवं पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स) की शाखाएं स्थापित की गयी हैं. उन्होंने कहा कि हमने जो बाकी तीन शाखाओं के बारे में जो सुझाव दिया है, उसकी शुरुआत भी जल्द से जल्द कराएं. उन्होंने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय एक साधारण विश्वविद्यालय नहीं है, बल्कि अपने आप में एक विशिष्ट विश्वविद्यालय है. आर्यभट्ट महान खगोलशास्त्री थे. उन्होंने शून्य की जानकारी दी. पृथ्वी के व्यास की जानकारी दी. इस विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे एक व्यापक अवधारणा है, जिसे साकार करने के लिए काम करना होगा. उन्होंने कहा कि चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान का नामकरण प्रसिद्ध शासक चंद्रगुप्त के नाम पर हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में शिक्षा का बजट 4366 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 33 हजार 191 करोड़ रुपये का हो गया है, जो राज्य के बजट का 20 प्रतिशत है.

मानव शृंखला के जरिये लोगों को किया जागरूक

बिहार एक गरीब राज्य है. बड़ी आबादी वाला राज्य है. इसके बावजूद हमलोग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काफी खर्च कर रहे हैं. जब से जनता ने सेवा का मौका दिया है, हर क्षेत्र में विकास के कार्य किये गये हैं. लोगों की सेवा की है. हमलोगों का उद्देश्य है हर क्षेत्र में तरक्की हो और युवा पीढ़ी का कल्याण हो. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के पक्ष में मानव शृंखला बनायी गयी. बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ मानव शृंखला बनायी गयी. जल-जीवन-हरियाली अभियान के पक्ष में 19 जनवरी 2020 को 5 करोड़ 16 लाख लोगों द्वारा 18 हजार किमी से अधिक की मानव शृंखला भी बनायी गयी. मानव शृंखला बनाने में शिक्षा विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब सिर्फ पढ़ना नहीं है, बल्कि कॉन्शस होना है. ज्ञानी बनना है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग पहले की शिक्षा की स्थिति और वर्ष 2005 के बाद किये गये शिक्षा के क्षेत्र में कार्यों की जानकारी नयी पीढ़ी को दें. शिक्षा के क्षेत्र में जितना हमलोगों ने ध्यान दिया है, शिक्षा की जितनी प्रगति हुई है, इसकी जानकारी सभी लोगों को दें. कार्यक्रम के दौरान शिक्षा विभाग द्वारा किये गये कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी.

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