संवाददाता, पटना माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव बिहार में बदलाव का चुनाव है. उन्होंने कहा कि 17 अगस्त को सासाराम में जब यात्रा की शुरुआत हुई, तब हमने कहा था कि यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि एक बड़े जनांदोलन की शुरुआत है. जब एसआइआर की प्रक्रिया शुरू हुई, तब कुछ लोगों ने यह सोचा कि बहुत आसानी से लगभग 20 प्रतिशत प्रवासी बिहारियों को बाहरी बताकर उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिया जायेगा. तो जिंदा लोगों को मृत घोषित कर दिया गया, महिलाओं तक के नाम काट दिये गये, लेकिन जनता की एकजुटता के सामने यह साजिश पूरी तरह नाकाम हुई. बिहार में पिछले 20 वर्षों से एक ही सरकार है, जो कि बात विकास और सुशासन की करती है, लेकिन हकीकत में चरम भ्रष्टाचार और अपराधियों का राज है. जनविरोधी योजनाएं लागू की जा रही हैं.
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