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विदेशी भाषाओं को सीखने में छात्राओं की रुचि हुई कम, सीटें रह जा रहीं खाली

शहर के महिला कॉलेजों में से पटना वीमेंस कॉलेज, मगध महिला कॉलेज व गंगा देवी महिला कॉलेज में विदेशी भाषाओं की पढ़ाई होती है.

संवाददाता, पटना

शहर के महिला कॉलेजों में से पटना वीमेंस कॉलेज, मगध महिला कॉलेज व गंगा देवी महिला कॉलेज में विदेशी भाषाओं की पढ़ाई होती है. वहीं जेडी वीमेंस कॉलेज में हिंदी, उर्दू, संस्कृत की पढ़ाई होती है. यहां साल 2020 में जर्मन लैंग्वेज शुरू करने की बात की गयी थी, लेकिन इसे शुरू नहीं किया जा सका. गंगा देवी महिला कॉलेज में अंग्रेजी की पढ़ाई होती है. वहीं पिछले साल से आठ छात्राएं जैपनीज लैंग्वेज सीख रही हैं. श्रीअरविंद महिला कॉलेज में पिछले साल जैपनीज लैंग्वेज की शुरुआत करने की पहल की गयी, लेकिन पर्याप्त संख्या में छात्राओं का रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से इसे बंद कर दिया गया. इस बार फिर से नये सत्र में जर्मन लैंग्वेज को लेकर छात्राओं के बीच पहल होगी. अगर छात्राएं इच्छुक होंगी, तो इसकी कक्षाएं शुरू होंगी. ———-

मगध महिला कॉलेज में जर्मन भाषा में चार-पांच छात्राएं

कॉलेज में पहले से पर्शियन और जर्मन लैंग्वेज की पढ़ाई होती थी. पर्शियन में छात्राओं के एडमिशन नहीं लेने पर कुछ सालों तक यह लैंग्वेज नहीं पढ़ाया जाता था, लेकिन पिछले साल से फिर से इसे शुरू किया गया है. साल 2021 में जैपनीज लैंग्वेज की शुरुआत की गयी थी, लेकिन अब यह बंद हो गया. पिछले साल कॉलेज में कोरियन लैंग्वेज की पढ़ाई शुरू की गयी थी, जो अब बंद हो गयी है. कॉलेज में सिर्फ जर्मन की पढ़ाई होती है. एनइपी के आने के बाद अंग्रेजी के प्रति छात्राओं का रुझान बढ़ा है. जहां चार साल पहले जर्मन लैंग्वेज की सीटें भर जाती थीं, आज इसमें मुश्किल से चार-पांच छात्राएं, हैं जो ऑनलाइन इसकी पढ़ाई करती हैं.

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यहां कोरियन, जर्मन और फ्रेंच लैंग्वेज की पढ़ाई होती है

पटना वीमेंस कॉलेज में फिलहाल कोरियन, जर्मन और फ्रेंच लैंग्वेज की पढ़ाई चल रही है. कोरियन लैंग्वेज एंड कल्चर की शुरुआत साल 2019 में हुई थी. इसमें कुल 30 सीटें हैं. वहीं जर्मन लैंग्वेज की शुरुआत 2020 में हुई, जिसमें कुल 30 सीटें हैं. साल 2020 में ही फ्रेंच लैंग्वेज को भी शुरू किया गया, जिसमें कुल 50 सीटें हैं. इन तीनों लैंग्वेज की अवधि छह महीने की है. फ्रेंच के लिए डॉ मोबिना हसन, कोरियन लैंग्वेज एंड कल्चर के लिए ग्रेस ली और जर्मन के लिए शुभदा फैकल्टी के तौर छात्राओं को पढ़ा रही हैं. कॉलेज में जिन छात्राओं ने इन भाषाओं को पढ़ा है उनमें कुछ अपनी आगे की पढ़ाई के लिए साउथ कोरिया और विदेश में पढ़ रही हैं. कुछ कंपनी में भी कार्य कर रही हैं.

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