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पटना के स्कूली बच्चों को नशेड़ी बनाने की साजिश, गिरफ्तार धंधेबाजों ने बताया नशीले इंजेक्शन और टेबलेट का पूरा खेल..

पटना में नशे के काला कारोबार का पूरा खेल पकड़ में आया. स्कूली बच्चों को टारगेट किया जाता था.

पटना में कंकड़बाग थाना और ड्रग विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर नशीले इंजेक्शन और टेबलेट की बड़ी खेप बरामद की है. इसके साथ तीन धंधेबाजों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जब्त नशीले इंजेक्शन और टेबलेट की कीमत करीब 25 लाख रुपये है. गिरफ्तार आरोपितों में सागर कुमार नालंदा के थरथरी थाना क्षेत्र का, आदित्य कुमार कंकड़बाग काॅलोनी मोड़ का और सियाराम बहादुरपुर का रहने वाला है.

सदर एएसपी स्वीटी सेहरावत ने बताया..

इस संबंध में शनिवार को सदर एएसपी स्वीटी सेहरावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धंधेबाजों के पास से 13725 वायल बुपरेनॉरफिन और एविल इंजेक्शन और 160 टेबलेट निट्रोसन के बरामद किये गये हैं. कुछ अन्य धंधेबाजों का नाम सामने आया है, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है.

डिलिवरी करने आये थे लोहिया पार्क

एएसपी ने बताया कि धंधेबाज 300 से 500 रुपये प्रति वायल नशेड़ियों को बेचते हैं. जबकि एक वायल की कीमत बाजार में महज 33 रुपये है. ड्रग डिपार्टमेंट की टीम ने बताया कि सभी बरामद दवाएं नारकोटिक्स की श्रेणी में आती हैं. इन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही लेना होता है. दरअसल कंकड़बाग थाने की पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि लोहिया पार्क के पास कुछ ड्रग तस्कर नशीली दवाओं की डिलीवरी देने के लिए आने वाले हैं. इसके बाद ड्रग विभाग की टीम के साथ पुलिस सादे लिबास में वहां नजर बनाये हुए थी. इसी बीच वहां बाइक से बैग लेकर सागर और आदित्य पहुंचे. पुलिस ने दोनों को खदेड़ कर पकड़ लिया. दोनों के बैग से नशीली दवाएं बरामद हुईं.

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किराये के मकान में चल रहा था कारोबार

पुलिस ने गिरफ्तार दोनों की निशानदेही पर शुक्रवार की देर रात को आलमगंज थाना क्षेत्र की गुड़ की मंडी स्थित अंजलि मेहता के मकान में छापेमारी की. अंजलि मेहता के मकान से पुलिस ने भारी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद कीं और मौके से सियाराम को गिरफ्तार कर लिया. अंजलि मेहता से भी पुलिस ने पूछताछ की, तब खुलासा हुआ कि नालंदा के रहने वाले ब्रजेश कुमार ने घर किराये पर लिया था और कहा था कि वह दवा का कारोबार करता है. कंकड़बाग थाना में ड्रग इंस्पेक्टर यशवंत कुमार झा के बयान पर नालंदा के हिलसा के ब्रजेश, थरथरी के सागर, कॉलोनी मोड़ के आदित्य और बहादुरपुर के सियाराम पर केस दर्ज किया गया है.

स्कूली बच्चों को करता था टारगेट

धंधेबाजों ने पुलिस से कहा कि वे स्कूल और कॉलेज के बच्चों को टारगेट करते हैं. इसके अलावा रिक्शा चालक और ऑटो चालक को भी शिकार बनाते थे. कंकड़बाग, पत्रकार नगर, दीघा, गर्दनीबाग और जक्कनपुर के इलाके में इसकी खपत ज्यादा है. ड्रग माफियाओं ने खुलासा किया कि होली के समय इन लोगों ने 500 रुपये प्रति वायल बेचा था. ड्रग अधिकारियों ने बताया कि बुपरेनॉरफिन नियंत्रित दवा है. इसका इस्तेमाल अत्यधिक दर्द में किया जाता है. नशेड़ियों और युवाओं तक इसका पहुंचना खतरनाक है.

दिल्ली से मंगवाता था खेप

इस पूरे रैकेट को ब्रजेश और उसका भाई अमरजीत चला रहा था. नशीले इंजेक्शन की खेप दिल्ली से मंगवा कर उसे पटना में अलग-अलग क्षेत्रों में भेजते थे. जानकारी के अनुसार धंधेबाजों में ब्रजेश और अमरजीत ने क्षेत्र का बंटवारा कर दिया था. ब्रजेश ने ही अंजलि मेहता से किराये पर घर लिया था. घर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं. उसी से वहां आने जाने वालों पर नजर रखता है. ब्रजेश और अमरजीत दोनों भाई हैं. भाई के जेल जाने के बाद पूरा कारोबार ब्रजेश ही संभालने लगा था. ब्रजेश गिरोह का सगरना है. उसने नशीली दवाओं के इस अवैध कारोबार को और बड़ा कर लिया है. इसके संपर्क में कई दवा दुकानदार भी हैं, जिनके माध्यम से यह पटना और नालंदा में नशीली दवाओं का अवैध करोबार करता है.

30 लाख की नशीली दवाओं के साथ गिरफ्तार हुआ था अमरजीत

2023 के अक्तूबर महीने में ड्रग विभाग और बहादुरपुर थाने की टीम ने ड्रग माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी. तब पुलिस ने बजरंग मेडिकल, बजरंग मेडिको के मालिकों के साथ-साथ हिलसा के अमरजीत को भी गिरफ्तार किया था. तब पुलिस ने करीब 30 लाख की नशीली दवाएं बरामद की थीं.

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