पटना. लोड से अधिक बिजली का उपभोग करने पर लगने वाले भारी जुर्माना से उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है. सूबे की बिजली आपूर्ति कंपनियों ने कहा है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के बाद पहले छह महीने की अवधि के लिए उपभोक्ताओं की लोड से अधिक डिमांड पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जायेगा. इस अवधि के लिए वास्तविक लोड और खपत के आधार पर ही बिजली बिल जारी किये जायेंगे. कंपनियों ने इसकी मंजूरी को लेकर बिहार विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दाखिल की है. आयोग के निर्देश पर कंपनियों ने इससे संबंधित प्रारूप प्रकाशित कर 13 जून तक आम लोगों से सुझाव व आपत्तियां मांगी है.
उपभोक्ता स्वयं कर सकेंगे लोड में संशोधन
बिजली कंपनी ने प्रस्ताव में कहा है कि शुरुआती छह महीने तक डिमांड शुल्क हर महीने वास्तविक मांग के आधार पर लिया जायेगा. इस दौरान उपभोक्ता अपने स्वयं के आकलन के अनुसार लोड संशोधित करा सकेंगे. लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के छह माह की अवधि के बाद अगर उपभोक्ता की वास्तविक मांग उनके स्थायी लोड से अधिक हो जाती है तो उनके बिल में जुर्माना जोड़ दिया जायेगा. हालांकि इससे पहले उपभोक्ताओं को मोबाइल एप पर या एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जायेगी. कंपनी ने यह व्यवस्था इसलिए की है ताकि उपभोक्ता बिना किसी दंड के इस प्रणाली से अभ्यस्त हो सके.
आयोग के समक्ष जमा होगी आपत्ति
बिहार विद्युत आपूर्ति संहिता, 2007 में उपयुक्त प्रावधानों को शामिल करने के लिए आयोग में दी गयी याचिका की कॉपी बिजली कंपनियों के मुख्य अभियंता (वाणिज्यिक) कार्यालय में उपलब्ध है. इसे डिस्कॉम की आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है. कंपनियों ने कहा है कि इससे संबंधित आपत्ति या सुझाव उपयुक्त दस्तावेजों के साथ विद्युत भवन स्थित बिहार विद्युत विनियामक आयोग के सचिव के समक्ष व्यक्तिगत रूप से या रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से दर्ज करायी जा सकती है. इसके आधार पर आयोग अंतिम निर्णय लेगा.