Sindoor Khela in Patna Durga Puja: राजधानी पटना के कंकड़बाग दुर्गा पूजा समिति में शुक्रवार को बंगाली समुदाय की महिलाओं ने पारंपरिक ‘सिंदूर खेला’ की रस्म बड़ी धूमधाम से निभाई गई. नौ दिनों तक चली देवी दुर्गा पूजा के समापन पर इस विशेष रस्म में महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर माता दुर्गा को भावभीनी विदाई देती हैं.
बेटी की विदाई, खुशी और गम का संगम
बंगाली परंपरा में देवी दुर्गा को घर की बेटी माना जाता है. दशमी के दिन यह माना जाता है कि बेटी अपने मायके से ससुराल लौट रही है. इसी प्रतीकात्मक विदाई को महिलाएं खुशी और भावनाओं के साथ मनाती हैं. महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं, ढाक की थाप पर नृत्य करती हैं और देवी के समक्ष आशीर्वाद मांगती हैं.
परंपरागत साड़ियों में महिलाओं ने नृत्य
इस अवसर पर पूजा समिति परिसर में महिलाओं ने पारंपरिक लाल-सफेद साड़ियों में नृत्य कर माहौल को भक्तिमय बना दिया. सिंदूर से सजे चेहरे और देवी की आराधना के बीच वातावरण भावनाओं से भर गया. इस बीच माता को विदाई देते समय महिलाओं की आंखों में आंसू भी आ गए. विदाई की इस रस्म के साथ नौ दिनों की दुर्गा पूजा का आज समापन हो गया.
“खुशी और गम दोनों का दिन” : मिताली
सिंदूर खेला में शामिल मिताली ने बताया, “जैसे बेटी अपने घर आती है, वैसे ही हम बंगाली समाज में देवी दुर्गा को अपनी बेटी मानते हैं. नौ दिनों तक उनकी पूजा करते हैं और दशमी के दिन उन्हें विदा करते हैं. यह दिन हमारे लिए खुशी और गम दोनों का होता है, क्योंकि आज हमारी बेटी ससुराल लौट जाती है.” देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारी के साथ पूरा शहर मां की विदाई में भावुक हो उठा.
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