संवाददाता, पटना
राज्य में अपराधियों के हथियार सप्लाइ नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने सभी एसडीपीओ को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद लाइसेंसी हथियार दुकानों से पिछले एक वर्ष में खरीदी गयी गोली और फायर की गयी गोली का खोखा कितने लोगों ने जमा किया, इसका पूरा ब्योरा तैयार कर मुख्यालय भेजें. मृत लाइसेंसधारकों के नाम पर गोलियों के अवैध उठाव और ब्लैक मार्केट में सप्लाइ के मामले बढ़ने के बाद यह कार्रवाई शुरू हुई है. खगड़िया में हाल ही में मृत लाइसेंसधारक के नाम पर बड़ी संख्या में गोली उठाने का मामला सामने आया था, जबकि पूर्णिया के विशाल गन हाउस से इस वर्ष 17 जुलाई को 200 से अधिक राउंड की खरीद मृत लाइसेंसधारकों के नाम पर हुई. इन मामलों की जांच लगभग पूरी है और जल्द गिरफ्तारी की संभावना है. पुलिस का कहना है कि गोली एक ऐसा हथियार है जिसे स्थानीय स्तर पर अपराधी नहीं बना सकते, यह सिर्फ सरकारी आयुध कारखाने में तैयार होती है, इसलिए सप्लाई चेन पर सीधी कार्रवाई जरूरी है. पुलिस महकमा अवैध गन फैक्ट्री और हथियारों पर भी लगातार कार्रवाई कर रहा है. इस वर्ष जून तक दो हजार से अधिक अवैध या देशी निर्मित हथियार, 13 हजार से ज्यादा कारतूस और 30 से अधिक मिनी गन फैक्ट्री पकड़ी गयी हैं. पिछले वर्ष 4,981 अवैध हथियार, 23,451 कारतूस और 64 मिनी गन फैक्ट्री पकड़ी गयी थीं. पटना, बेगूसराय, नालंदा, मुजफ्फरपुर, सहरसा और मुंगेर में सबसे ज्यादा हथियार बरामद हुए.
विनय कुमार डीजीपी, बिहार पुलिस
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