Rajdev Ranjan Murder Case: सीवान के चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में आठ वर्षों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब फैसला आने वाला है. मुजफ्फरपुर स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को सुनवाई पूरी कर ली और 28 अगस्त को निर्णय सुनाने की तारीख तय की.
मोहम्मद शहाबुद्दीन थे मुख्य आरोपी
इस मामले में मुख्य आरोपी रहे सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की मृत्यु कोरोना काल में हो चुकी है, जबकि छह अन्य आरोपी अब भी ट्रायल का सामना कर रहे हैं.
इनमें से विजय कुमार गुप्ता जमानत पर है, जबकि अन्य आरोपी जेल में बंद हैं. एक अन्य आरोपी को कोर्ट किशोर घोषित कर चुकी है और उसके मामले की सुनवाई विशेष बाल न्यायालय में जारी है.
सीबीआई की जांच और ट्रायल
सीबीआई ने ट्रायल के दौरान 69 गवाहों के बयान दर्ज किए और 111 भौतिक साक्ष्य कोर्ट के समक्ष पेश किए. आरोपियों से पूछताछ के दौरान 183 प्रश्न पूछे गए. यह मामला पहले पटना स्थित विशेष कोर्ट (एमपी/एमएलए मामलों) में था, जिसे बाद में मुजफ्फरपुर की विशेष सीबीआई अदालत में स्थानांतरित किया गया.
हत्या की पृष्ठभूमि
13 मई 2016 की शाम, सीवान में दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरो प्रमुख राजदेव रंजन की अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनकी पत्नी आशा यादव ने नगर थाने में अज्ञात पेशेवर अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.15 सितंबर 2016 को यह मामला सीबीआई को सौंपा गया, जिसने आगे की विस्तृत जांच करते हुए उसी साल आरोप तय किए.
अब पूरा बिहार और पत्रकार बिरादरी 28 अगस्त का इंतज़ार कर रही है, जब आठ साल पुराने इस चर्चित हत्याकांड पर अदालत की अंतिम मुहर लगेगी. यह फैसला न केवल न्यायिक प्रक्रिया के एक लंबे अध्याय का समापन करेगा, बल्कि पत्रकार सुरक्षा और अपराध के खिलाफ सख्त संदेश देने का काम भी करेगा.
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