संवाददाता, पटना
पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में शनिवार को ””मेघदूत- एक पुरानी कहानी”” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. ””मेघदूत”” महाकवि कालिदास की रचना है. मुख्य वक्ता पटना विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ किरण माला ने कहा कि कवि कुलगुरु कालिदास कृत मेघदूत में यक्ष और यक्षिणी का विरह है. यक्ष अपनी विरह वेदना को प्रियतमा तक पहुंचाने के लिए मेघ से निवेदन करता है. इसमें प्रकृति का अनुपम व अद्वितीय वर्णन किया गया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विजय कुमार ने कहा कि कालिदास की रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं. वहीं पूर्व संकायाध्यक्ष डॉ तरुण कुमार ने कालिदास के मेघदूत को कामाध्यात्म का बेजोड़ काव्य बताया. हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ दिलीप राम ने कालिदास को विश्व साहित्य के सभी कवियों का प्रेरणा स्रोत बताया. इस अवसर पर डॉ संजय, डॉ उत्तम, डॉ सूर्य नाथ, डॉ हरीश, डॉ विजेता, डॉ रिया, डॉ चंदन, डॉ कल्पना सहित दर्जनों शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है