देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोप-वे वाराणसी (country's first urban transport ropeway in Varanasi) में बनेगा. पीएम मोदी इसका शिलान्यास करने 24 मार्च यानी शुक्रवार को वाराणसी आ रहे हैं. सड़क से 50 मीटर ऊपर चलेगा और वाराणसी स्टेशन से गोदौलिया तक 3.8 किलोमीटर इसकी लंबाई होगी. सूत्रों का कहना है कि दो साल में यह बनकर तैयार हो जायेगा. इसके निर्माण पर करीब 644 करोड़ रुपए आएगी. इसके निर्माण से बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगो को वाराणसी जाने पर यात्रा करने में सहुलियत मिलेगा. इसके साथ ही वे इसका आनंद भी ले सकते हैं.
150 केबल कार या ट्रॉलियां होंगी
रोप-वे की लंबाई 3.8 किलोमीटर होगी. इसपर कुल 150 केबल कार या ट्रॉलियां होंगी. जो कि सड़क से 164 फीट ऊंचाई पर दौड़ेगी. प्रत्येक डेढ़ से दो मिनट पर यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध होगी. एक केबल कार पर 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं. इस प्रकार एक दिशा में एक घंटे में करीब 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे. यानी दोनों दिशा से एक घंटे में करीब 6000 लोग आ-जा सकेंगे.
कैंट जंक्शन से गोदौलिया तक की यात्रा सिर्फ 17 मिनट में
रोप-वे के बनने के बाद कैंट जंक्शन से गोदौलिया तक की यात्रा में महज 17 मिनट का समय लगेंगे. भीड़ के कारण अभी ऑटो रिक्शा या बाइक से जाने पर करीब 45 मिनट का समय लगता है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद वाराणसी में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. एक साल में करीब 9 करोड़ भक्त पहुंचे हैं.
यहां से गुजरेगी रोप-वे
रोप-वे शहर के सबसे व्यस्त इलाकें यानी दशाश्वमेध घाट, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा घाट, बनारसी साड़ी मार्केट, जंगमबाड़ी मठ, दालमंडी, चौक, गिरजाघर, नई सड़क, लक्सा, रथयात्रा, सिगरा स्टेडियम, काशी विद्यापीठ और IP मॉल होंगे.
दुनिया का तीसरा अर्बन ट्रांसपोर्ट रोप-वे वाराणसी में
वाराणसी में चलने वाली रोप- वे का निमार्ण स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थोलेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (NHLPL) मिलकर करेगी. NHLPL के प्रोजेक्ट के अधिकारी का कहना है कि भारत विश्व में तीसरा, देश और वाराणसी भारत का पहला शहर होगा,जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा. फिलहाल बोलीविया के लापाज और मेक्सिको में अर्बन ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जाता है.