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बिहार में वाहन मालिकों की बढ़ी परेशानी,150 से अधिक वाहनों का परमिट रिन्यूअल रुका, फंस गए 11 लाख रुपये

पटना डीटीओ कार्यालय के पास पहले से ही कर्मचारियों की कमी है. अब उसे परमिट रिन्यूअल का काम भी दे दिया गया है. डीटीओ के कर्मचारियों के लिए परमिट रिन्यूअल परेशानी का सबब साबित हो रहा है.

बिहार भर में व्यावसायिक वाहनों के मालिकों के सामने परमिट रिन्यूअल (नवीनीकरण) की समस्या खड़ी हो गयी है. पटना क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार (आरटीए) में 150 से अधिक परमिट रिन्यूअल के लिए अटके हैं. वाहन मालिकों ने रिन्यूअल को लेकर 11 लाख से अधिक का भुगतान भी दिया है. लेकिन अब परिवहन विभाग की ओर से परमिट रिन्यूअल की जिम्मेदारी सभी डीटीओ कार्यालय को दे दी गयी है, जबकि डीटीओ ने अब तक यह काम शुरू किया है. ऐसे में वाहन मालिकों का पैसा और परमिट रिन्यूअल का आवेदन दोनों की फंस गया है.

रिन्यूअल का काम डीटीओ को सौंपा 

दरअसल, पिछले महीने परिवहन विभाग ने परमिट रिन्यूअल का काम डीटीओ को सौंप दिया था. नियमों के मुताबिक, परमिट रिन्यूअल न होने की स्थिति में वाहनों का सड़कों पर परिचालन नहीं हो सकता है. लिहाजा आशंका इस बात की भी है विभाग के आदेश और डीटीओ की असमर्थता की वजह से कहीं हजारों व्यावसायिक वाहन सड़कों पर चलने के बजाय खड़े न हो जाएं.

जिले में प्रतिवर्ष छह हजार वाहनों को परमिट

अकेले पटना जिले में प्रतिवर्ष छह हजार से अधिक व्यावसायिक वाहनों को परमिट दिया जाता है. नेशनल परमिट एक वर्ष व स्टेट परमिट पांच वर्षों के लिए होता है. परमिट नवीनीकरण की मौजूदा फीस 8600 रुपये है. यह वाहनों के परमिट की कैटेगरी पर भी निर्भर करता है. सिर्फ पटना क्षेत्रीय आरटीए से ही पिछले 12 महीने में परिवहन विभाग को 19 करोड़ 97 लाख 54 हजार 342 रुपये की आय हुई है. हालांकि, पटना आरटीए को 21 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था. व्यावसायिक वाहनों की संख्या लाखों में है. पटना आरटीए में पटना, रोहतास,भोजपुर, बक्सर, नालंदा और कैमूर जिलों के व्यवसायिक वाहनों के परमिट रिन्यूअल का काम होता रहा है, जो अब यह काम अलग-अलग जिलों के डीटीओ करेंगे.

विभाग के फैसले से राज्य भर के व्यावसायिक वाहनोंं के मालिकों की परेशानी बढ़ी

दरअसल, सभी नौ प्रमंडलीय मुख्यालयों में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के दफ्तर हैं. अब तक इन दफ्तरों में ही परमिट रिन्यूअल का काम होता था. लेकिन अब यह काम सभी 38 जिलों के डीटीओ को दे दिया गया है, लेकिन डीटीओ के पास पहले से काम का काफी दबाव है. पटना डीटीओ कार्यालय के पास पहले से ही कर्मचारियों की कमी है. अब उसे परमिट रिन्यूअल का काम भी दे दिया गया है. डीटीओ के कर्मचारियों के लिए परमिट रिन्यूअल परेशानी का सबब साबित हो रहा है.

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क्या कहते हैं वाहन मालिक

मोहम्मद फैज के मुताबिक, परमिट रिन्यूअल नहीं होने से हमारे वाहन पटना और बेगूसराय में फंसे हुए हैं. पटना डीटीओ का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है.

समय अभाव के कारण नहीं हो सकी शुरुआत 

डीटीओ पटना के प्रकाश ने बताया कि डीटीओ को परमिट रिन्यूअल की जिम्मेदारी दी गयी है, लेकिन समय अभाव के कारण अभी इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है.

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