Patna Property Tax: राजधानी पटना के निवासियों के लिए Property Tax और कचरा शुल्क जमा करने की व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. अब आपके घर नगर निगम के कर्मचारी नहीं, बल्कि एक निजी एजेंसी के प्रतिनिधि टैक्स वसूलने पहुंचेंगे. नगर निगम प्रशासन ने फरवरी महीने से इस नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है.
राजस्व वसूली में पारदर्शिता लाने और लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले महीने से एजेंसी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य टैक्स चोरी रोकना और उन हजारों संपत्तियों को रिकॉर्ड में लाना है, जो अब तक निगम की नजरों से बची हुई थीं.
फरवरी से बदलेगी वसूली की तस्वीर
अब तक Property Tax और कचरा शुल्क की वसूली नगर निगम के कर्मचारी करते थे, लेकिन आने वाले महीनों में यह जिम्मेदारी आउटसोर्स एजेंसी निभाएगी. निगम प्रशासन अगले महीने निजी एजेंसी की बहाली की प्रक्रिया शुरू करेगा. इसका मकसद वसूली व्यवस्था को ज्यादा प्रभावी बनाना और राजस्व में लगातार हो रही कमी को दूर करना है.
नगर निगम शहर में बसे लोगों की संपत्ति का नए सिरे से सर्वे करा रहा है. इस सर्वे के बाद करीब 23 हजार नए लोगों को Property Tax के दायरे में लाया जाएगा. फिलहाल राजधानी में लगभग 1 लाख 32 हजार लोग Property Tax का भुगतान कर रहे हैं. करदाताओं की संख्या बढ़ने से निगम को उम्मीद है कि राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी.
150 करोड़ से ज्यादा की वसूली का लक्ष्य
कर आधार के विस्तार और नई वसूली व्यवस्था को देखते हुए पटना नगर निगम ने नए वित्तीय वर्ष के लिए Property Tax से 150 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली का लक्ष्य तय किया है. नगर आयुक्त यशपाल मीणा के अनुसार, प्रॉपर्टी असेसमेंट के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं और इसी कड़ी में वसूली प्रक्रिया को भी आउटसोर्स किया जा रहा है.
वन टाइम सेटलमेंट से करदाताओं को बड़ी राहत
नगर विकास विभाग ने राजधानी में वन टाइम सेटलमेंट योजना को पूरी तरह लागू कर दिया है. इसके तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 और उससे पहले के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स की मूल राशि जमा करने पर ब्याज और जुर्माना पूरी तरह माफ किया जाएगा. यह सुविधा 31 मार्च 2026 तक उपलब्ध रहेगी.
कोर्ट केस वाले भी उठा सकेंगे लाभ
वन टाइम सेटलमेंट योजना का लाभ आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और संस्थागत संपत्तियों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार की संपत्तियों को भी मिलेगा. जिन Property Tax मामलों की सुनवाई कोर्ट या ट्रिब्यूनल में चल रही है, वे भी इस योजना के दायरे में आएंगे. हालांकि, इसके लिए करदाताओं को मामला वापस लेने का लिखित प्रमाण देना होगा.
ऑनलाइन भुगतान और जांच की सख्ती
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि वन टाइम सेटलमेंट के तहत किए गए भुगतान की जांच की जाएगी. गलत जानकारी देने या तथ्य छिपाने पर दी गई छूट रद्द कर दी जाएगी. करदाता निगम के पोर्टल या व्हाट्सएप चैटबोट के जरिए ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं. निगम का दावा है कि नई व्यवस्था से टैक्स वसूली में पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी.

