10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Patna: करोड़ों की जमीन की खरीद से पड़ी निगरानी की नजर, इंजीनियर के करीबी ने ही दे ही सूचना और फिर…

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रवींद्र कुमार की एक-एक काली कमाई सामने आ गयी है. शुक्रवार को चली 11 घंटे की छापेमारी के बाद निगरानी ने सभी प्रकार की चल-अचल संपत्तियों को मिला कर कुल साढ़े चार करोड़ का आकलन किया है.

पटना: निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रवींद्र कुमार की एक-एक काली कमाई सामने आ गयी है. शुक्रवार को चली 11 घंटे की छापेमारी के बाद निगरानी ने सभी प्रकार की चल-अचल संपत्तियों को मिला कर कुल साढ़े चार करोड़ का आकलन किया है.

आठ जगहों पर जमीन की खरीद

अब आने वाले एक दो दिनों में जाकर एक बार फिर से जमीन, बैंक अकाउंट का मौका- मुआयना कर मामले पर निगरानी अपनी विशेष रिपोर्ट तैयार करेगी. निगरानी के अफसरों ने बताया कि कार्यपालक अभियंता रवींद्र कुमार निगरानी की नजर में तब आये जब बीते एक-दो सालों में उन्होंने एक के बाद एक कर आठ जगहों पर जमीन की खरीद की.

निगरानी ने ऐसे बिछाया जाल

पटना व आसपास के क्षेत्रों में करोड़ की कीमत वाली जमीन की खरीद पर किसी जानने वाले ने ही सूचना निगरानी को दी.इसके बाद निगरानी ने इसकी जांच करायी तो पता चला कि इंजीनियर ने अपने और अपनी पत्नी के नाम पर आठ जगहों पर जमीन की खरीद की है जिसकी कीमत एक करोड़ 23 लाख तीन हजार नौ सौ 48 है.

Also Read: Bihar Flood: बिहार के 86 प्रखंडों की 570 पंचायतें बाढ़ की चपेट में, 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित
बैंक खाते हो गये फ्रीज

निगरानी ने कार्यपालक अभियंता और उसकी पत्नी के नाम से बरामद हुए सभी 15 बैंक खातों को फ्रीज करा दिया है. निगरानी के जांच अधिकारी डीएसपी ने बताया कि 15 बैंक खातों में कुल 53 लाख मिला था. इसमें सभी खाते पटना जिलों के बैंक के ही हैं. गांधी मैदान, एसकेपुरी, एग्जीविशन रोड स्थित एसबीआइ और पीएनबी सहित सभी बैंकों के खातों को फ्रीज करने के लिए निगरानी की ओर से बैंक ब्रांच को निर्देश भेजा जा चुका है.

2004 से कर रहे नौकरी

कार्यपालक अभियंता वर्ष 2004 से सरकारी सेवा में हैं. लेकिन, निगरानी की जांच में जितनी भी संपत्ति आयी है. उसमें अधिकांश तीन से पांच वर्षों के दौरान ही बनायी गयी है. ऐसे में अगर जांच का दायरा बढ़ता है तो कार्यपालक अभियंता की अवैध संपत्ति के राज आगे भी खुल सकते हैं.

अब आगे क्या

कार्यपालक अभियंता पर निगरानी ने केस दर्ज कर लिया है. अब आगे दो माह के भीतर बरामद संपत्तियों को लेकर जवाब देना होगा. अभियंता को बताना होगा कि संपत्ति का स्रोत क्या है. इसमें असफल होने पर निगरानी अनुसंधान को आगे बढ़ाते हुए चार्जशीट करेगी.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें