Patna: पटना में जनता की शिकायतों को नजरअंदाज करने वाले अधिकारियों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है. लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत अब तक जिले में 103 अफसरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो चुकी है. इनसे कुल 2,85,800 रुपए की वसूली की जा रही है. DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सोमवार को RTPS और जनशिकायत निवारण से जुड़े मामलों की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी.
हर लेवल पर निगरानी: लंबित शिकायतों पर सीधी नजर
जिलाधिकारी को जानकारी दी गई कि अब तक 10,655 में से 10,449 अपीलों का निष्पादन हो चुका है. लेकिन फिलहाल 2,146 शिकायतें अब भी लंबित हैं. इनमें से 301 मामले 30 कार्यदिवस से ज्यादा और 160 मामले 45 कार्यदिवस से अधिक समय से अटके हुए हैं. राहत की बात यह रही कि 60 कार्य दिवस से अधिक समय से कोई शिकायत लंबित नहीं है.
वेतन से होगी वसूली, 25 पर अनुशासनात्मक जांच की संस्तुति
जिन अधिकारियों पर जुर्माना लगा है, अगर वे समय पर राशि नहीं जमा करते हैं, तो उनके वेतन से सीधे कटौती की जाएगी. साथ ही, 25 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है. जिलाधिकारी ने साफ कहा—जनता के साथ लापरवाही करने वाले अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे.
अतिक्रमण मामलों में भी ढिलाई, धनरुआ और दानापुर निशाने पर
बैठक में अतिक्रमण से जुड़े मामलों पर भी चर्चा हुई. बताया गया कि श्रेणी-सी के तहत अब भी 396 अतिक्रमण वाद लंबित हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले धनरुआ, पुनपुन और दानापुर अंचल से हैं. 47 मामलों में तो अब तक रिपोर्ट तक नहीं दी गई है. DM ने आदेश दिया कि सभी अंचल कार्यालय जल्द इन मामलों को खत्म करें और ‘जीरो पेंडेंसी’ पर काम करें.
Also Read: नाबालिग बहू की शिकायत पर पड़ी रेड, पटना में जिस्मफरोशी के धंधे का बड़ा खुलासा
प्रशासन का साफ संदेश: जवाबदेही नहीं टाली जाएगी
डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने दो टूक कहा—“शिकायतों के निष्पादन में टालमटोल की कोई जगह नहीं है. जनता की आवाज़ को गंभीरता से लेना ही लोकतंत्र की असली पहचान है. जो अफसर समयसीमा में काम नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई तय है.”