Bihar Railway: रेलवे ने दानापुर मंडल में वेंडरों की पहचान और सुरक्षा को लेकर बड़ी पहल की है. क्यूआर कोड को स्कैन करते ही वेंडर का नाम, आधार संख्या, मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट, पुलिस सत्यापन की तिथि और वैधता, तैनाती वाली यूनिट और लाइसेंसधारक का नाम सामने आ जाएगा. इस तरह रेलवे के वेंडर अब आसानी से पहचाने जा सकेंगे और उनके काम की पूरी जानकारी तुरंत उपलब्ध होगी. साथ ही अवैध वेंडिंग पर रोक लगेगी और यात्रियों को सुरक्षित और भरोसेमंद सेवा मिलेगी.
इन स्टेशनों के वेंडरों को मिले आइकार्ड
दानापुर मंडल में यह नई व्यवस्था लागू कर दी गई है. शनिवार को पटना जंक्शन, दानापुर, राजेंद्रनगर टर्मिनल और कई प्रमुख स्टेशनों पर क्यूआर कोड आधारित आइकार्ड वेंडरों को दिए गए. यह एक अभियान के तहत किया गया ताकि सभी वेंडरों की पहचान व्यवस्थित तरीके से हो सके.
यात्रियों को मिलेगी भरोसेमंद सेवा
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अब स्टेशन और ट्रेन में बिकने वाली सभी खाने के सामान की गुणवत्ता की जिम्मेदारी सीधे तय की जा सकेगी. साथ ही अवैध वेंडिंग पर रोक लगेगी और यात्रियों को सुरक्षित और भरोसेमंद सेवा मिलेगी.
आइकार्ड से मिलेगी वेंडरों की पूरी जानकारी
अब स्टेशन में बिकने वाली सभी खाने के सामान और अन्य सामानों की गुणवत्ता की जिम्मेदारी सीधे वेंडर पर होगी. क्यूआर कोड वाले आइकार्ड से वेंडर की पूरी जानकारी उपलब्ध होने के कारण किसी भी समस्या या शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी.
अवैध वेंडिंग पर लगेगी रोक
क्यूआर कोड वाले आइकार्ड से अब अवैध वेंडिंग पर भी रोक लगाई जाएगी. रेलवे अधिकारियों को तुरंत पता चल जाएगा कि कौन वेंडर लाइसेंसधारी है और कौन नहीं, जिससे बिना अनुमति स्टेशन या ट्रेन में सामान बेचने वाले वेंडरों को रोका जा सकेगा. इससे यात्रियों को सुरक्षित और व्यवस्थित सेवा मिलेगी.

