Bihar News: गर्दनीबाग में बनने वाला यह पार्सल हब बिहार का सबसे बड़ा होगा. पांच एकड़ में तैयार किए जा रहे इस केंद्र में चिट्ठियों और पार्सलों को पिन कोड और डीजी पिन के आधार पर अलग किया जाएगा. इसके लिए यहां अत्याधुनिक ऑटोमेटेड मेल प्रोसेसिंग सेंटर (एएमपीसी) मशीन लगाई जाएगी. इस मशीन में डाले जाने के बाद सारे पत्र अपने आप पिन कोड के अनुसार अलग-अलग हो जाएंगे. छंटाई के बाद चिट्ठी और पार्सल सड़क मार्ग से बिहार के अलग-अलग जिलों और शहरों के हब तक भेजे जाएंगे. फिलहाल पटना, गया, मुजफ्फरपुर और बरौनी में छोटे स्तर के हब काम कर रहे हैं. लेकिन गर्दनीबाग का यह नया हब केंद्रीय स्तर पर काम करेगा, जिससे पूरे राज्य की डाक सेवाओं में तेजी आएगी.
पटना जंक्शन से यहां शिफ्ट होगी ऑफिस
अभी तक पार्सल और चिट्ठियों की छंटाई का काम पटना जंक्शन स्थित रेलवे मेल सर्विस (आरएमएस) में होता है. यह जगह किराए पर है, जिसके लिए डाक विभाग को हर महीने करीब साढ़े तीन लाख रुपये रेलवे को चुकाने पड़ते हैं. लेकिन अब गर्दनीबाग में नया हब तैयार होने के बाद आरएमएस को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा. इससे न केवल खर्च कम होगा बल्कि डाक सेवाओं को एक ही जगह से संचालित करना आसान हो जाएगा.
इस मशीन से ये होगा फायदा
इस नए हब में लगाई जा रही ऑटोमेटेड मेल प्रोसेसिंग सेंटर (एएमपीसी) मशीन पूरी व्यवस्था को हाईटेक बना देगी. इस मशीन में एक बार पत्र और पार्सल डालने के बाद वे अपने आप पिन कोड के हिसाब से अलग-अलग ट्रे में पहुंच जाएंगे. उसके बाद इन्हें डीजी पिन के अनुसार और बारीकी से छांटा जाएगा. इससे डाक की छंटाई का काम पहले से कहीं ज्यादा तेज़ और सटीक हो जाएगा, और चिट्ठियां समय पर सही पते तक पहुंच सकेंगी.
यहां से होगी पूरी डाक व्यवस्था संचालित
फिलहाल पटना, गया, मुजफ्फरपुर और बरौनी में छोटे-छोटे पार्सल हब काम कर रहे हैं. ये हब केवल अपने-अपने क्षेत्रों तक ही सीमित हैं. लेकिन गर्दनीबाग में बनने वाला नया हब सेंट्रलाइज्ड हब होगा, जहां से पूरे बिहार की डाक व्यवस्था को नियंत्रित किया जाएगा. इससे अलग-अलग जिलों में डाक और पार्सल पहले से तेज़ और व्यवस्थित तरीके से पहुंच पाएंगे.

