Bihar Upendra Kushwaha Son Minister: बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद आज यानी 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ-साथ 26 अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. इन सभी के बीच एक नेता जो किसी भी सदन, ना ही विधानसभा और ना ही विधान परिषद का सदस्य हैं उन्होंने भी मंत्री पद का शपथ लिए. वो उपेन्द्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश हैं.
आखिर दीपक कैसे बनें मंत्री ?

संविधान का Article 164(4)) के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को मंत्री बनाया जाता है और वह उस समय किसी भी सदन (विधान सभा या विधान परिषद) का सदस्य नहीं है, तो उसे 6 महीने तक बिना MLA/MLC बने वो मंत्री रह सकता है. इन 6 महीनों के भीतर उसे किसी एक सदन का सदस्य बनना जरूरी होता है. यदि वह 6 महीने में MLA/MLC नहीं बन पाता, तो उसे मंत्री पद छोड़ना पड़ता है.
दीपक को मिला विधायकों का समर्थन
बिहार विधानसभा चुनाव में उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी रलोमो कुल 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. इसमे से उसने 4 सीटें जीतीं. इनमे से एक सासाराम के नवनिर्वाचित विधायक स्नेहलता उपेन्द्र कुशवाहा की पत्नी हैं. इन सभी विधायकों ने दीपक को मंत्री बनाने का समर्थन दिया होगा तब जाकर मंत्री पद के लिए उनका नाम आगे बढ़ाया गया होगा.
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आखिर ऐसा क्यों किया जाता है?
ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि मुख्यमंत्री/सरकार में ऐसे विशेषज्ञ, अनुभवी प्रशासक या महत्वपूर्ण व्यक्ति को भी मंत्री बनाया जा सके जो अभी चुनाव नहीं जीते हों. बाद में वे उपचुनाव या विधान परिषद के रास्ते सदन की सदस्यता ले सकते हैं.

