Lalu Yadav: बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है और राजनीतिक दल अब पूरी तरह सक्रिय मोड में उतर चुके हैं. इसी कड़ी में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी एक बार फिर चुनावी मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने निकल पड़े हैं. शनिवार सुबह वह पटना से अपनी वैनिटी वैन में सवार होकर आरा रवाना हुए, जहां वह कार्यकर्ताओं से सीधी मुलाकात कर रणनीति तय करेंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और प्रदेश की राजनीति तेजी से करवट ले रही है. हर राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को धार देने और संगठन को मजबूत करने में जुटा है. ऐसे माहौल में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी पूरी तरह चुनावी मोड में नजर आने लगे हैं. शनिवार की सुबह उनका अंदाज बिल्कुल चुनावी था, जब वह वैनिटी वैन से पटना से आरा के लिए रवाना हुए.
कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद
आरा पहुंचने के बाद लालू यादव कार्यकर्ताओं से मिलेंगे, उनकी समस्याएं सुनेंगे और उन्हें चुनावी रणक्षेत्र के लिए तैयार करेंगे. बताया जा रहा है कि वह इस दौरान पार्टी की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश देंगे कि आने वाले महीनों में उन्हें किस तरह जनता से जुड़ना है.
यात्रा के दौरान लालू यादव पूर्व विधायक अरुण यादव से भी मुलाकात करेंगे. अरुण यादव आरा और आसपास के इलाकों में राजद के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं. यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं, बल्कि चुनावी समीकरण साधने की दृष्टि से बेहद अहम है. माना जा रहा है कि लालू यादव उनके साथ मिलकर स्थानीय स्तर पर पार्टी को और मजबूत करने की रणनीति बनाएंगे.
संगठन को मजबूत करने की कवायद
पिछले कुछ वर्षों से स्वास्थ्य कारणों से लालू यादव चुनावी राजनीति में सीमित भूमिका निभाते रहे हैं. लेकिन इस बार उनकी सक्रियता पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी ऊर्जा का स्रोत साबित हो रही है. उनकी मौजूदगी से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ रहा है और संगठन को एकजुट करने में मदद मिल रही है. आरा की बैठक में वह कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के साथ ही यह संदेश देंगे कि चुनावी जीत मेहनत और जनता से सीधे संपर्क से ही संभव है.
पिछली बार से अलग रणनीति
राजद इस बार पिछली बार की तुलना में बिल्कुल नई रणनीति अपना रहा है. पार्टी का फोकस केवल पारंपरिक वोट बैंक पर नहीं, बल्कि युवाओं और नए मतदाताओं तक पहुंचने पर भी है. लालू यादव के मैदान में उतरने से कार्यकर्ताओं में जोश तो बढ़ा ही है, साथ ही यह भी संकेत मिल रहा है कि पार्टी इस बार प्रचार-प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
लालू यादव की यह यात्रा केवल एक दौरे तक सीमित नहीं रहने वाली. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में उनकी गतिविधियां और भी तेज होंगी और वह बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे. यह कैंपेन राजद के लिए निर्णायक साबित हो सकता है क्योंकि लालू यादव की राजनीतिक पकड़ और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता अभी भी बरकरार है.
लालू यादव की इस सक्रियता का एक बड़ा राजनीतिक संदेश भी है. यह बताने की कोशिश की जा रही है कि राजद अब पूरी ताकत के साथ चुनावी अखाड़े में उतर रहा है.
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