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प्राथमिक स्कूलों मे पढ़ा रहे 22,000 बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नौकरी पर संकट, पढ़िए हाइकोर्ट का फैसला

प्राथमिक स्कूलों मे अगर बीएड का कोर्स किया कोई उम्मीदवार शिक्षक के पद पर नियुक्त होना चाहता है तो उसे प्राथमिक शिक्षा मे दो वर्ष के भीतर छह माह का एक ब्रज कोर्स करना जरुरी है.

पटना हाइकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक मे बुधवार को अपना फैसला देते हुए यह स्पष्ट किया कि राज्य मे प्राथमिक कक्षाओं ( कक्षा एक से पांच तक) में बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी. कोर्ट ने कहा कि प्राथमिक कक्षाओ मे डीएलएड डिग्रीधारी शिक्षकों की ही नियुक्ति की जायेगी. न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायाधीश राजीव राय की खंडपीठ ने ललन कुमार व अन्य द्वारा बड़ी संख्या मे दायर की गयी रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया.

पटना हाइकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई पूरी कर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिस पर बुधवार को फैसला सुनाया गया. हाइकोर्ट के इस आदेश से लगभग 22 हजार शिककों की नौकरियां प्रभावित हो सकती है, जिनकी नियुक्ति इस मामले की सुनवाई के दौरान हुई है. कोर्ट मे 28 जून 2018 को एनसीटीइ द्वारा जारी अधिसूचना को चुनौती दी गयी थी. जिसमे प्राथमिक कक्षाओं मे बीएड डिग्रीधारी शिक्षको को भी प्राथमिक स्कूलों मे शिक्षको के लिए योग्य माना गया था. इसी अधिसूचना को देवेश शर्मा बनाम केंद्र सरकार व अन्य के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिसूचना को रद्द कर दिया था.

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कोर्ट को बताया गया था कि एनसीटीइ द्वारा 28 जून 2018 को जो अधिसूचना जारी की गयी है, उसमे बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को भी प्राथमिक कक्षाओं मे नियुक्ति के लिए योग्य कहा गया था. उसमें कहा गया था कि प्राथमिक स्कूलों मे अगर बीएड का कोर्स किया कोई उम्मीदवार शिक्षक के पद पर नियुक्त होना चाहता है तो उसे प्राथमिक शिक्षा मे दो वर्ष के भीतर छह माह का एक ब्रज कोर्स करना जरुरी है. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने सर्वेश शर्मा बनाम केद्र सरकार व अन्य के मामले मे एनसीटीइ के उस अधिसूचना को रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि प्राथमिक कक्षाओं मे पढ़ाने के लिए डीएलएड डिग्रीधारी शिक्षकों को ही नियुक्त किया जायेगा.

रिक्त सीटों पर योग्य अभ्यर्थियो को बहाल करने का दिया आदेश

फैसले में कहा गया है एनसीटीइ की साल 2010 गजट के अनुसार नौकरी कर रहे उम्मीदवार योग्य होगे. लेकिन 11 अगस्त 2023 को सुप्रम कोर्ट ने एनसीटीइ के 2018 के गजट को रद कर दिया था, तो उसके अनुसार नियुक्त उम्मीदवार अयोग्य होंगे. फैसले में यह भी है कि सरकार रिक्त सीटों पर स्टेट मेरिट लिस्ट पर प्राथमिक कक्षाओं मे योग्य अभ्यार्थियों (डीएलएड डिग्रीधारी) को नियुक्त करे.

छठे चरण मे नियुक्त शिक्षकों का विभाग ने जिलों से मांगा ब्योरा

हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा विभाग ने छठे चरण मे नियुक्त बीएड डिग्रीधारी की संख्या सभी जिलो से मांगी है. सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियो से छठे चरण मे नियुक्त शिक्षको से संबंधित जानकारी 24 घंटे के अंदर मांगी है. इसमें शिक्षकों की संख्या के साथ राज्य के है या राज्य के बाहर के है, उनकी कोटि के साथ सभी जानकारी देने के लिए कहा गया है

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