संवाददाता, पटना बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के कार्यालय कक्ष में लगे कंप्यूटर से डाटा डिलीट किये जाने के मामले की जांच अब संभावित बहाली प्रकरण से जुड़ती प्रतीत हो रही है. सूत्रों का कहना है कि डिलीट की गयी फाइलों में कुछ अहम दस्तावेज परिषद में हुई नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़े हैं. शुक्रवार को घटित इस मामले में परिषद के एक पूर्व कर्मचारी का नाम भी सामने आ रहा है, जिसे सेवा से हटाया गया था. सूत्रों का मानना है कि डाटा डिलीट करने की दिशा में संदेह उसी पर केंद्रित है. हालांकि, मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की ओर से इस आशंका की अभी तक औपचारिक पुष्टि नहीं की गयी है. सूत्र बताते हैं कि उस व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुला सकती है. वहीं आर्थिक अपराध इकाई की साइबर शाखा ने संबंधित कंप्यूटर का हार्ड डिस्क जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है.
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