Industry In Bihar: बिहार में तेजी से उद्योग धंधों को डेवलप करने का काम सरकार की तरफ से किया जा रहा है. कुछ दिनों पहले बिहार के पांच जिलों पटना, सीवान, बेगूसराय, सहरसा और मधेपुरा में इंडस्ट्रियल हब डेवलप करने का एलान किया गया. इन जिलों में इंडस्ट्रियल हब डेवलप करने के पीछे की वजह बिहार में मजबूत हो रहे रोड इंफ्रस्ट्रक्चर की बेहद खास भूमिका मानी जा रही है.
बिहार सरकार का पांच जिलों पर फोकस
बिहार में वैसे तो कई जिलों में रोड इंफ्रस्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है. लेकिन, इन पांच जिलों पर बिहार सरकार का खास तौर पर फोकस है. पटना बख्तियारपुर में इंडस्ट्रियल हब डेवलप करने के लिए 500 एकड़ जमीन के लिए 219 करोड़ की स्वीकृति दी गई है. मालूम हो बख्तियारपुर से मोकामा के बीच करीब 44.6 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड फोरलेन हाईवे को चालू किया गया था. इससे पटना से मोकामा का सफर, जो पहले ढाई से तीन घंटे का था, अब मात्र 1 घंटे में पूरा किया जा रहा.
बख्तियारपुर में बना हाइवे
इस हाईवे के खुलने से बख्तियारपुर से मोकामा के बीच यात्रा का समय दो घंटे से घटकर सिर्फ 30 मिनट रह गया है. इस हाईवे का सीधा लाभ न सिर्फ पटना और मोकामा के यात्रियों को मिलेगा, बल्कि लखीसराय, बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर, जमुई, शेखपुरा, पूर्णिया और खगड़िया जिलों के लोगों के लिए भी यात्रा आसान हुई.
सीवान में इंडस्ट्रियल हब के लिए 167.34 एकड़ जमीन
सीवान के मैरवा में इंडस्ट्रियल हब के लिए 167.34 एकड़ जमीन के लिए 113.92 करोड़ की स्वीकृति मिली. भारतमाला परियोजना के तहत रामजानकी पथ के फोरलेन विस्तार का काम किया जा रहा है. इसके बनने से न केवल अयोध्या और सीतामढ़ी के बीच यात्रा आसान होगी. बल्कि उत्तर बिहार की सड़क संरचना को नई रफ्तार भी मिलेगी. इस सड़क के बनने से सीवान, सारण और आस-पास के इलाके के लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी. नवंबर 2026 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है.
बेगूसराय से गुजरेगा रक्सौल-हल्दिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
बेगूसराय जिले की बात करें तो यहां के कुसमौत में 991 एकड़ जमीन के लिए 351.59 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई थी. दरअसल, बिहार से पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट तक सीधी और तेज कनेक्टिविटी प्रदान करने वाली महत्वाकांक्षी रक्सौल-हल्दिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बेगूसराय से होकर गुजरेगा. इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 585 किलोमीटर के करीब होगी. जिसमें से 407.8 किलोमीटर का हिस्सा बिहार राज्य से होकर गुजरेगा. बिहार में यह एक्सप्रेसवे पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर के अलावे बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर और बांका जिलों से होकर गुजरेगा.
सहरसा में भी बनेगा इंडस्ट्रियल हब
सहरसा के वनगांव में इंडस्ट्रियल हब विकसित करने के लिए 420.62 एकड़ जमीन के लिए 88.01 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है. मालूम हो स्टेट हाईवे-95 के तहत मानसी से हरदी चौधारा तक बन रही सड़क से न केवल दोनों जिलों की दूरी घटेगी, बल्कि कोसी दियारा और फरकिया जैसे पिछड़े इलाकों के लोगों को भी पहली बार आधुनिक सड़क सुविधा का लाभ मिलेगा. मानसी (खगड़िया) से लेकर हरदी चौधारा (सुपौल) तक का यह हाईवे 661 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. इसे साल 2027 के जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
मधेपुरा जिले में 276.52 एकड़ जमीन स्वीकृत
आखिर में बात करें मधेपुरा जिले की तो ग्वालपाड़ा में 276.52 एकड़ भूमि के लिए 41.26 करोड़ की स्वीकृति दी गई है. दरअसल, बिहार की पुरानी और महत्वपूर्ण सड़कों में शामिल NH-31 को करीब 140 किलोमीटर की लंबाई में दो लेन से फोरलेन बनाने का निर्णय लिया गया. इस सड़क की चौड़ाई दो लेन से फोरलेन होने पर यात्रा में कम समय लगेगा. इसके साथ ही आठ जिला के लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सकेगी. इसमें बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार जिला शामिल हैं.
5 जिलों में बढ़ेगी कनेक्टिविटी
जिस तरह से इंडस्ट्रियल हब डेवलप करने के लिए 5 जिलों पर फोकस किया गया है. उससे साफ है कि पांचों जिलों में इंडस्ट्रीयल पार्क राज्य में बन रहे नए राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेस हाइवे के दोहरे मार्गों के किनारे स्थापित होंगे. इसके पीछे का कारण यह है कि इन जिलों से आसानी से कनेक्ट किया जा सकता है. इसके साथ ही आवागमन की सुविधा होने के कारण इन जिलों तक आसानी से पहुंच हो सकेगी. इसके अलावा इन जिलों का तेजी से विकास भी हो सकेगा.

