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बिहार में डॉक्टरों की मौत के कारणों पर होगा रिसर्च, 20 सवालों से पता चलेगा 96 चिकित्सकों के जान गंवाने की वजह

कोविड- 19 की दूसरी लहर में लोगों की जान बचाने वाले डॉक्टर भी अपनी जान नहीं बचा पा रहे हैं. कोरोना ने देश की राजधानी दिल्ली के बाद बिहार के डॉक्टरों की सबसे अधिक जान ली है. इन हालातों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए )को भी चिंता में डाल दिया है. संक्रमण से डाक्टरों की मौत का कारण जानने और आने वाले समय में महामारी किसी डॉक्टर की जान न ले पाये, इसकी तैयारी करने के लिए आइएमए ने बिहार में आठ सदस्यीय टीम का गठन किया है. वरिष्ठ और विशेषज्ञ चिकित्सकों का यह दल समग्र रिपोर्ट तैयार करेगा. यह एक तरह की शोध रिपोर्ट होगी. युद्ध के दौरान सिपाही शहीद होता है, उसी तरह आइएमए अपने सदस्यों को शहीद मान रही है. लोगों का इलाज करते हुए मरने वाले डॉक्टरों को यह दर्जा मिले, इसके लिए वह सरकार से बात भी कर रही है.

अनुज शर्मा, पटना: कोविड- 19 की दूसरी लहर में लोगों की जान बचाने वाले डॉक्टर भी अपनी जान नहीं बचा पा रहे हैं. कोरोना ने देश की राजधानी दिल्ली के बाद बिहार के डॉक्टरों की सबसे अधिक जान ली है. इन हालातों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए )को भी चिंता में डाल दिया है. संक्रमण से डाक्टरों की मौत का कारण जानने और आने वाले समय में महामारी किसी डॉक्टर की जान न ले पाये, इसकी तैयारी करने के लिए आइएमए ने बिहार में आठ सदस्यीय टीम का गठन किया है.

समग्र रिपोर्ट तैयार करेगा वरिष्ठ और विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल

वरिष्ठ और विशेषज्ञ चिकित्सकों का यह दल समग्र रिपोर्ट तैयार करेगा. यह एक तरह की शोध रिपोर्ट होगी. युद्ध के दौरान सिपाही शहीद होता है, उसी तरह आइएमए अपने सदस्यों को शहीद मान रही है. लोगों का इलाज करते हुए मरने वाले डॉक्टरों को यह दर्जा मिले, इसके लिए वह सरकार से बात भी कर रही है.

तैयार की गयी प्रश्नावली

कोविड में डॉक्टर अपनी जान नहीं बचा पाये इसकी जांच-पड़ताल के लिए आइएमए बिहार ब्रांच की कमेटी ने एक प्रश्नावली तैयार की है. इसमें सामान्य जानकारी से लेकर बीमारी और हालात आदि से जुड़े बीस सवाल हैं. आइएमए बिहार कमेटी के कन्वेनर डॉ अजय कुमार ने प्रभात खबर को विशेष बातचीत में बताया कि अभी हालात ठीक हो रहे हैं, लेकिन डैमेज बहुत अधिक है. आगे ऐसा न हो, इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी.

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आइएमए की कमेटी ने तैयार किये ये 20 सवाल

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की कमेटी डॉक्टर के पारिवारिक ब्योरा जुटाने के अलावा देखेगी कि उन्हें कहां भर्ती किया गया था. उनके साथ कौन भर्ती था. बीमारी और उपचार का कोर्स क्या था. उपचार में कोई विशिष्ट देरी या समस्या तो नहीं आयी. कोविड 19 की रिपोर्ट कब आयी. टीके की पहली और दूसरी खुराक कब- कब ली. टीका कौन सा लिया था. सरकार से क्या कोई मुआवजा मिला है. परिवार में आश्रित कौन है आदि ब्योरा के साथ कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयारी करेगी.

देशभर में मरने वाले 450 डॉक्टरों में बिहार के 96

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर में देश में करीब साढ़े चार सौ डॉक्टरों की मौत हो चुकी है. कोरोना संक्रमण से दिल्ली में सबसे अधिक 100 डॉक्टरों की मौत हुई है. इसके बाद बिहार का स्थान है. यहां 96 डॉक्टरों ने दम तोड़ा है. चिंता की बात यह है कि इनमें से कुछ डाक्टरों ने वैक्सीन का पहला और दूसरा डोज तक ले लिया था. इसके बाद भी वह लोगों को उपचार देने के दौरान कोरोना के शिकार हो गये. पहली लहर में करीब साढ़े सात सौ डाक्टरों ने अपनी जान गंवायी थी, उनमें बिहार के डाक्टरों की संख्या इस बार की संख्या के मुकाबले बहुत कम थी.

आइएमए की कमेटी के सदस्य :

डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह-चेयरमैन

डॉ अजय कुमार -कन्वेनर

डॉ सुनील कुमार (राज्य सचिव, आइएमए)

डॉ (कैप्टन) वीएस सिंह

डॉ मंजू गीता मिश्रा

डॉ बसंत सिंह

डॉ डीपी सिंह

डॉ राजीव रंजन

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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