संवाददाता, पटना संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने गुरुवार को चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू) में एक नया जेंडर रिसोर्स सेंटर (जीआरसी) स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. इस अवसर पर यूएनएफपीए की भारत प्रतिनिधि और भूटान की कंट्री डायरेक्टर एंड्रिया एम वोज्नार, और सीएनएलयू के कुलपति प्रो फैजान मुस्तफा उपस्थित थे. यूएनएफपीए ने इस केंद्र के लिए लगभग 50 लाख रुपये का योगदान देने का वादा किया है. नया केंद्र जेंडर, कानून और नीति के क्षेत्र में साक्ष्य-आधारित अनुसंधान करेगा और इसमें वकील, शिक्षाविद, शोधकर्ता और सिविल सोसाइटी के कार्यकर्ता शामिल होंगे. उद्घाटन समारोह में वोज्नार ने सरकारी योजनाओं व नीतियों के कार्यान्वयन में बड़े अंतराल पर प्रकाश डाला. उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह केंद्र न केवल सार्थक अनुसंधान करेगा, बल्कि वकालत और प्रसार के माध्यम से जमीनी स्थिति में सुधार लाने का प्रयास भी करेगा. यूएनएफपीए के कार्यक्रम और तकनीकी समर्थन प्रमुख डॉ दीपा प्रसाद, ने कहा कि जीआरसी लैंगिक-आधारित हिंसा की रोकथाम के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को मजबूत करने की दिशा में काम करेगा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि केंद्र विशेष पाठ्यक्रम शुरू करेगा और संसाधन व्यक्तियों को प्रशिक्षित करेगा. अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो मुस्तफा ने धार्मिक परंपराओं में निहित पितृसत्ता और देश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने यह भी कहा कि कानून के क्षेत्र में, जैसे कि आर्टिफिशियल लॉ, साइबर लॉ, आइपीआर लॉ और टैक्सेशन लॉ, पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, जबकि जेंडर और कानून जैसे विषयों पर जोर नहीं दिया जा रहा है.
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