पटना. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि 2023 तक वासभूमि रहित सर्वेक्षित सभी 1.16 लाख परिवारों को घर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध करा दी जायेगी. इसके साथ ही ऐसे जिन परिवारों में बालिग सदस्यों की संख्या बढ़ गयी है, उनका पता लगाने को लेकर विशेष सर्वेक्षण कराया जायेगा. राज्य के सभी जिलों में 2024 तक विशेष भू-सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्य पूरा होने के बाद जमीन संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जायेंगी. वे मंगलवार को बिहार विधानसभा के दूसरे सत्र में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के 2023-24 के लिए 15 अरब 48 करोड़ 50 लाख 67 हजार रुपये बजट की मांग पर सरकार की तरफ से बोल रहे थे.
विशेष सर्वेक्षण व बंदोबस्त कार्यों के लिए 10101 पदों पर हो रहा नियोजन
उन्होंने बताया कि राजस्व मानचित्रों तथा खतियान को अपडेट करने के लिए विशेष सर्वेक्षण कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय भू-अभिलेख एवं प्रबंधन कार्यक्रम के तहत 880 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है. इसके लिए 7463 पदों का नवसृजन करते हुए विज्ञापन प्रकाशित कर नियोजन की कार्रवाई शुरू की गयी है. इसके साथ ही राज्य के सभी अंचलों में विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त का कार्य प्रारंभ करने के उद्देश्य से कुल 15010 पदों की स्वीकृति के विरुद्ध 10101 पदों पर नियोजन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.
एमपी-एमएलए की अनुशंसाओं का होगा तत्काल निबटारा
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा कि एमपी और एमएलए द्वारा अनुशंसित भूमि संबंधित मामलों का अब तत्काल निबटारा होगा. इसके लिए सभी डीएम-एसपी को निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही पदाधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से बेहतर बर्ताव करने व उनकी बात अच्छे से सुनने के लिए निदेशित किया गया है.
4.12 करोड़ जमाबंदी वेबसाइट पर अपलोड
मंत्री श्री मेहता ने कहा कि राज्य के सभी 534 अंचलों में ऑनलाइन दाखिल खारिज शुरू है. इसके लिए सभी अंचलों के अधीन लगभग 4.12 करोड़ सृजित जमाबंदी को डिजिटाइज्ड कर आम लोगों के लिए विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. दाखिल-खारिज के त्वरित निष्पादन को लेकर एक मार्च 2023 से ऑड-इवन प्रक्रिया शुरू हो गयी है. राज्य के सभी अंचलों में रैयतों द्वारा लगान का भुगतान ऑनलाइन किया जा रहा है. एलपीसी निर्गत करने की व्यवस्था भी ऑनलाइन है.