नयी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक से फर्जी लिंक से पहले ही मिलेगा अलर्ट संवाददाता, पटना बढ़ते साइबर अपराधों पर लगाम कसने और डिजिटल सुरक्षा को नये स्तर तक ले जाने के लिए आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने निर्देश दिया है कि एआइ तकनीक की जानकारी राज्य के सभी साइबर थानों को दी जाये. ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एयरटेल जैसे टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के सहयोग से विशेष अभियान चलाये जायेंगे. एडीजी खान ने गुरुवार को इओयू के सभागार में एयरटेल टेलीकॉम कंपनी के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिया. बिहार में हर दिन दर्जनों लोग स्पैम कॉल और फेक लिंक के जरिये लाखों रुपये गंवा रहे हैं, और इस खतरे से निबटने के लिए इओयू तकनीक को फ्रंटफुट पर ला रही है. एयरटेल की नयी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक से स्पैम कॉल और फर्जी लिंक से लोगों को पहले ही अलर्ट मिल जायेगा और खतरा आने से पहले ही ब्लॉक कर दिया जायेगा. एयरटेल की ओर से बिहार-झारखंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुजय चक्रवर्ती, सुरक्षा प्रमुख संदीप सहाय और तकनीकी प्रमुख अंकुर चोपड़ा ने बताया कि कंपनी ने साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए एआइ आधारित तकनीक विकसित की है. यह तकनीक स्पैम कॉल और संदिग्ध लिंक को स्वचालित रूप से ब्लॉक करने के साथ ही कॉल रिसीव होने से पहले ही उपभोक्ता को चेतावनी संदेश भेज देती है कि यह कॉल खतरनाक हो सकता है. एडीजी नैयर हसनैन खान के समक्ष इस तकनीक का लाइव डेमो भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें देखा गया कि किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करते ही एआइ उसे तुरंत निष्क्रिय कर देता है. यह तकनीक रीयल टाइम में खतरे की पहचान कर उपयोगकर्ता की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करती है. अधिकारियों ने सुझाव दिया कि इस तकनीक को नागरिकों के लिए और अधिक सुलभ एवं उपयोगकर्ता-केंद्रित बनाया जाये, ताकि साइबर अपराध की रोकथाम में आम लोग भी सतर्क रहें. पुलिस उपमहानिरीक्षक (साइबर) संजय कुमार और डीआइजी (ईओयू) मानवजीत सिंह ढिल्लों भी इस बैठक में मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

