संवाददाता, पटना श्रीअरविंद महिला कॉलेज के एनएसएस इकाई 1,2 ने तरुमित्र के सहयोग से जैव विविधता संरक्षण, वन संरक्षण और जल संसाधनों के सतत उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया. प्राचार्या प्रो साधना ठाकुर ने पर्यावरण संरक्षण को मानव अस्तित्व के लिए अनिवार्य बताते हुए छात्राओं को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि गौरैया, वन और जल-तीनों के संरक्षण के बिना सतत विकास संभव नहीं है. तरुमित्र की प्रतिनिधि देवप्रिया दत्ता ने छात्राओं को पर्यावरणीय चुनौतियों और समाधान पर विचार साझा करते हुए बताया कि जैव विविधता की रक्षा के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास करना अत्यंत आवश्यक है. इस दौरान छात्राओं के बीच विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया. पोस्टर प्रदर्शनी: छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण, वन संपदा की रक्षा और जल संकट जैसे विषयों पर अपने विचारों को रचनात्मक पोस्टरों के माध्यम से प्रदर्शित किया. सभी उपस्थित छात्राओं और शिक्षकों ने जल बचाने, इसका विवेकपूर्ण उपयोग करने तथा जल प्रदूषण रोकने का संकल्प लिया. घोंसला निर्माण प्रतियोगिता में गौरैया के संरक्षण हेतु छात्राओं ने कई सुंदर घोंसले बनाकर प्रस्तुत किए, जिसे सभी ने सराहा. छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण विषय पर कविता पाठ और भाषण प्रस्तुत किया, जो अत्यंत प्रभावशाली रहा. एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ गीता कुमारी ने इस पहल में छात्राओं की सक्रिय भागीदारी की सराहना की. इस अवसर पर डॉ नोरा निवेदिता शॉ, डॉ अनुमाला सिंह, डॉ विभा कीर्ति ने भी छात्राओं को संबोधित करते उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया.
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