संवाददाता, पटना
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ चंद्रशेखर सिंह ने राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने राज्य में हो रही वर्षा की स्थिति, प्रमुख नदियों के जल स्तर तथा बाढ़ पूर्व तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की. सचिव ने संबंधित अधिकारियों से रियल-टाइम डाटा प्राप्त कर बाढ़ संभावित क्षेत्रों में की गयी तैयारी, राहत एवं बचाव के संसाधनों की उपलब्धता और त्वरित कार्रवाई की योजनाओं की जानकारी ली. जिलों के आपदा प्रबंधन प्रभारियों से बात करते हुए निदेश दिया कि गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए संबंधित जिलों में राहत शिविर तथा सामुदायिक रसोई केंद्र की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें. सचिव ने यह भी कहा कि किसी भी आपात स्थिति में आमजन को तत्काल सहायता मिल सके, इसके लिए राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र तथा जिला आपातकालीन संचालन केंद्र 24 घंटे सातों दिन सक्रिय रहें. उन्होंने निर्देश दिया कि मौसम विभाग तथा जल संसाधन विभाग से सतत समन्वय स्थापित कर पूर्वानुमान के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाएं.
88 से अधिक पंचायतों में लोग बाढ़ से प्रभावित: इधर, पटना, भोजपुर, वैशाली, लखीसराय, भागलपुर और मुंगेर के कुल 88 से अधिक पंचायतों में लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. पटना में अथमलगोला, मोकामा, बाढ़, दानापुर,पटना सदर प्रखंडों की 14 पंचायतों में लगभग 90500 आबादी प्रभावित है. जिन्हें छह सामुदायिक रसोई केंद्रों के माध्यम से भोजन दिया जा रहा है.साथ ही, दो बाढ़ राहत शिविर का संचालन भी किया गया है. जहां 1130 लोगों के लिए आवासन एवं भोजन की व्यवस्था की जा रही है. एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की एक-एक टीम तैनात है. वैशाली में हाजीपुर, महनार, राघोपुर एवं सहदेई बुजुर्ग प्रखंडों की 22 पंचायतों में लगभग 154600 आबादी प्रभावित है. इनके लिए तीन सामुदायिक रसोई केंद्रों का संचालन हो रहा है. आवागमन के लिए 153 नावों का परिचालन हो रहा है. राहत एवं बचाव कार्य के लिए वैशाली जिला में एसडीआरएफ की एक टीम तैनात है.
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