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बिहार में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, गांव के घरों में रहेंगे देशी-विदेशी पर्यटक, होमस्टे योजना को मिली मंजूरी

बिहार आने वाले पर्यटक अब गांव के घरों में रहकर वहां की संस्कृति और व्यंजनों को जान सकेंगे. इसके लिए मंगलवार को बिहार कैबिनेट ने मुख्यमंत्री होमस्टे-बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना 2024 को मंजूरी दे दी है.

Bihar Cabinet: बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार और पर्यटन विभाग लगातार नए कदम उठा रहे हैं. इसी के तहत पर्यटन विभाग ने एक नई योजना मुख्यमंत्री होमस्टे-बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना 2024 की शुरुआत की है. इस योजना को मंगलवार को नीतीश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. ताकि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिल सके और पर्यटकों को इको टूरिज्म डेस्टिनेशन के नजदीक सुखद भ्रमण और सुखद अनुभव मिल सके.

गांव के घरों में रहेंगे देशी-विदेशी पर्यटक

इस योजना की स्वीकृति के बाद अब देश-विदेश से आने वाले पर्यटक बिहार के गांवों में ठहर के वहां का लुत्फ ले सकेंगे. बिहार आने वाले पर्यटकों को बिहारी संस्कृति, खान-पान और परंपरा से रूबरू होने का मौका मिलेगा. बिहार में पर्यटकों को यात्रा के दौरान विश्राम करने के लिए आरामदायक और स्वच्छ बिहारी परिवेश में कमरा उपलब्ध हो सकेगा.

पर्यटन विभाग से कराना होगा निबंधन

कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बताया कि मुख्यमंत्री होमस्टे-ब्रेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में एक से छह कमरों और दो से 12 बेड तक की अनुमति दी जायेगी. इसको लेकर होमस्टे के लिए मकान मालिक या प्रमोटर को अपने कमरों और बेड का निबंधन पर्यटन विभाग से कराना होगा. निबंधन दो वर्ष के लिए वैध होगा जिसके बाद उसका हर साल नवीकरण कराना होगा. निबंधन शुल्क के रूप में पांच हजार रुपये पहले दो वर्ष के लिए निर्धारित किया गया है जो नन रिफंडेबल होगा.

जमा करनी होंगी ये चीजें

योजना का लाभ लेने वाले मकान मालिकों या प्रमोटरों के लिए एक चेकलिस्ट भी तैयार की गई है. मकान मालिक या प्रमोटर स्थानीय पुलिस थाने से चरित्र प्रमाण पत्र, घर के कमरे और बिस्तर, घर के अंदर और बाहर की तस्वीरें पर्यटन निदेशालय के मुख्य कार्यालय में या ऑनलाइन आवेदन के साथ जमा कर सकेंगे.

मिलेगी वित्तीय सहायता

इस योजना के तहत कमरे को अपग्रेड करने के लिए मकान मालिक या प्रमोटर को वित्तीय सहायता दी जाएगी. सहायता के लिए अनुमानित राशि को पर्यटन विभाग से अप्रूव कराना होगा. इसके बाद पर्यटन विभाग बैंक से प्राप्त ऋण राशि पर ब्याज की भरपाई करेगा. ऋण राशि अधिकतम 2.5 लाख रुपये प्रति कमरा दी जाएगी. इस योजना के तहत पंजीकरण करवाने के बाद मकान मालिक या प्रमोटर का नाम, पता, संपर्क नंबर आदि विभागीय वेबसाइट और अन्य पर्यटन साहित्य पर प्रदर्शित किया जाएगा.

पर्यटन स्थल से 10 किमी के दायरे में होना चाहिए मकान

पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना के पहले चरण में (अगले 5 लगातार वित्तीय वर्षों में) 1000 कमरों को होमस्टे में बदला जाना है. शहरी क्षेत्रों में पर्यटन स्थल से 5 किलोमीटर और ग्रामीण/ईको पर्यटन स्थल से 10 किलोमीटर के दायरे में मकान मालिक/प्रमोटर को वित्तीय लाभ दिया जाएगा. होमस्टे-बेड एंड ब्रेकफास्ट का प्रचार सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर भी किया जायेगा. मकान मालिक को टूर पैकेज में भी शामिल किया जायेगा और टूर ऑपरेटरों को होमस्टे को आरक्षित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

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क्या बोले मंत्री

पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में पर्यटन के विविध आयामों का विस्तार हो रहा है, जिसमें ग्रामीण पर्यटन एवं इको-पर्यटन मुख्य आकर्षण का केन्द्र बन रहे हैं. पर्यटकों को पर्यटन स्थल के निकट आवास, सुखद भ्रमण एवं सुखद अनुभव उपलब्ध कराने के लिए इस योजना का क्रियान्वयन किया जाना है.

इस योजना का मुख्य उद्देश्य घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों को यात्रा के दौरान विश्राम हेतु अपेक्षाकृत कम लागत पर बिहारी परिवेश के आरामदायक एवं स्वच्छ कमरे/बिस्तर उपलब्ध कराना है, जहां पर्यटकों को बिहार की संस्कृति, खान-पान एवं परम्पराओं से परिचित होने का अवसर मिल सके. इस योजना में ठहरने वाले पर्यटकों को “अतिथि देवो भव” की सार्थकता का अनुभव होगा तथा इसके साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में राज्य के लोगों के लिए रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.

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