संवाददाता, पटना बिहार में हर साल आकाशीय बिजली से सैकड़ों लोगों की जान जाती है और भारी जन-धन की क्षति होती है़ बीते बुधवार से शुक्रवार की सुबह तक कई लेागों की मौत हो गयी थी़ ऐसे में बिजली विभाग अब इस प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाने जा रहा है़ विभाग ने प्रदेशभर के बिजली पोलों पर लगे पारंपरिक पोर्सिलेन इंसुलेटर को बदलकर पॉलिमर इंसुलेटर लगाने का निर्णय लिया है़ ऊर्जा सचिव पंकज पाल ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में इस संबंध में निर्देश दिया था़ ऊर्जा सचिव ने कहा, उन सभी जगहों पर जहां आकाशीय बिजली की समस्या ज्यादा है, वहां पोर्सिलेन इंसुलेटर की जगह पॉलिमर इंसुलेटर लगवाएं. बिजली विभाग के सूत्रों के अनुसार मौजूदा समय में अधिकतर ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में पोर्सिलेन इंसुलेटर लगे हैं, जो नमी और धूल संपर्क में आने पर जल्दी खराब हो जाते हैं. ट्रांसफॉर्मर में फॉल्ट, तारों में शॉर्ट सर्किट और बिजली आपूर्ति में बाधा खड़ी करते हैं. वहीं, आकाशीय बिजली गिरने पर ये इंसुलेटर अक्सर फट जाते हैं जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और बढ़ जाती है. पॉलिमर इंसुलेटर की खासियत यह है कि ये हल्के होते हैं, इन पर धूल और पानी का असर नहीं होता और ये उच्च वोल्टेज को सहन करने में ज्यादा सक्षम होते हैं. इनकी लाइफ भी पोर्सिलेन के मुकाबले अधिक होती है. सबसे अहम बात यह है कि आकाशीय बिजली के असर को ये काफी हद तक रोक सकते हैं, जिससे जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित होती है. रणबद्ध तरीके से सभी पुराने इंसुलेटर बदलने का लक्ष्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऊर्जा विभाग ने दीर्घकालिक समाधान मानते हुए चरणबद्ध तरीके से सभी पुराने इंसुलेटर बदलने का लक्ष्य रखा है. खासकर बिजली आपूर्ति से जुड़ी उन लाइनों को प्राथमिकता दी जायेगी, जो स्कूल, अस्पताल, पंचायत भवन और भीड़भाड़ वाले इलाकों से गुजरती हैं. ऊर्जा सचिव पंकज पाल ने जल्द से जल्द सर्वेक्षण कर योजना बनाने को कहा है. ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार होगा और बारिश के मौसम में होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आयेगी.
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