पटना. शक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र सोमवार को उत्तरा फाल्गुनी व हस्त नक्षत्र के साथ शुक्ल एवं ब्रह्म योग के युग्म संयोग में कलश स्थापना के साथ शुरू हो रहा है. इसके अलावा इस दिन जयद् योग भी बन रहा है. नवरात्र के दौरान भगवती के नौ स्वरूपों की आराधना होगी. ज्योतिषाचार्य डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि देवी भागवत पुराण के अनुसार देवी मां गज यानी हाथी पर आगमन एवं मुर्गे पर ही विदाई होने से भक्तों को सुख-समृद्धि, कामना पूर्ति के साथ देश में खुशहाली का वातावरण तथा पर्याप्त वर्षा होती है. उन्होंने बताया कि इस शुभ योग में चल-अचल संपत्ति में निवेश, आभूषण की खरीदी, लग्न की खरीदारी, वाहन की खरीदी के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त है. नवरात्र के हर दिन बनने वाले शुभ योगों में नये कामों की शुरुआत करना श्रेष्ठ होगा.
शारदीय नवरात्र पर कई उत्तम संयोग
शारदीय नवरात्र में तिथि, वार, नक्षत्र व योगों के युग्म संयोग से करीब सभी दिन माता जगदंबा की कृपा पाने हेतु पूजा-पाठ, मंत्र जाप, भोग-आरती कर उनको प्रसन्न करने तथा अन्य शुभ कार्यों के लिए उत्तम रहेगा. इन दस दिवसीय दुर्गा पूजा के तहत तीन सर्वार्थसिद्धि, एक द्विपुष्कर, तीन रवियोग, एक आयुष्मान योग, एक सौभाग्य योग एवं एक जयद् योग बन रहे है. इनके अलावे ब्रह्म योग, प्रीति योग, शोभन योग, सुकर्मा योग भी रहेंगे. ज्योतिर्वेद डॉ. राघव नाथ ने बताया कि चंद्रमा और सूर्य दोनों एक साथ कन्या राशि में होंगे. इस वर्ष नवरात्र पूरे नौ दिनों का होगा. नौ ग्रहों में कोई भी ग्रह अनिष्ट फल दे रहें हों, तो भगवती की उपासना का विशेष महत्व है. सूर्य ग्रह यदि कमजोर हो तो स्वास्थ्य के लिए माता शैलपुत्री, चंद्रमा के दुष्प्रभाव से रक्त, मन संचार, दुष्प्रभावित होती है. अतः इस दोष को दूर करने के लिए कूष्मांडा देवी, मंगल ग्रह जो शक्ति, बल, ऊर्जा व साहस प्रदान करता है.
कलश पूजन से सर्व देवपूजन का फल
पंडित राकेश झा ने देवी पुराण के हवाले से बताया कि नवरात्र में कलश स्थापन का विशेष महत्व होता है. कलश में ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र, नवग्रहों, सभी नदियों, सागरों-सरोवरों, सातों द्वीपों, षोडश मातृकाओं, चौसठ योगिनियों सहित सभी तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है. इसलिए केवल कलश की पूजा करने मात्र से ही श्रद्धालु को सर्वदेव पूजन का पुण्यफल मिल जाता है.
कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त
उदयकालिक योग प्रातः 06:02 बजे से शाम 05:58 बजे तक
शुभ योग मुहूर्त सुबह - 08:41 बजे से 10:11 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त दोपहर- 11:17 बजे से 12:05 बजे तक
गुली काल मुहूर्त दोपहर- 01:11 बजे से 02: 41 बजे तक
लाभ योग मुहूर्त मध्याह्न- 02:41 बजे से 04:11 बजे तक
अमृत मुहूर्त शाम- 04:11 बजे से 05:41 बजे तक
फलाहारी की कीमतों में 20 प्रतिशत तक का इजाफा
पटना के बाजार में नवरात्र के दौरान उपवास में खान-पान की वस्तुओं के दाम पिछले साल से 10 से 20% तक बढ़ गये हैं. नौ दिनों के व्रत में अन्न से परहेज किया जाता है, इसलिए बाजार में कुट्टू, सिंघाड़ा व साबूदाना की मांग अचानक बढ़ गयी है. इसके अलावा ड्राइ फ्रूट्स की कीमतों में भी इजाफा किया गया है. राहत वाली बात यह है कि फलों की कीमत कमोवेश सामान्य है.
फलों की कीमत (प्रति किलो)
सेब ----- 80-100
मौसमी ----- 50-70
अनार ----- 150-200
अमरुद ----- 80-100
खीरा ----- 40-60
शकरकंद ----- 50-60
आम ----- 250-600
केला ----- 20-40 दर्जन
पानी नारियल ----- 25-30 पीस
फलाहारी सामान (प्रति किलो)
आइटम वर्ष 2021 वर्ष 2022
सिंघाड़ा का आटा ----- 220 ----- 250
कुट्टू का आटा ----- 225 ----- 250
साबूदाना ----- 100 ----- 120
मूंगफली ----- 150 ----- 140
घी (ब्रांडेड) ----- 475 ----- 550 ----- 525-625
काजू ----- 800 ----- 900 ----- 900-1200
किशमिश ----- 300-500 ----- 300-450
छुहारा ----- 250-300 ----- 300-350
कागजी बादाम ----- 700-1000 ----- 800-1200