संवाददाता, पटना राज्य में ऑनलाइन जमाबंदी पंजी (रजिस्टर-2) में अब भी कई मौजों में अनेक रैयतों की जमीन का विवरण नहीं दिख रहा है. इस कारण बड़ी संख्या में रैयतों को अपनी जमीन के विवरण की जानकारी लेने और जमाबंदी पंजी देखने के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. हालांकि कार्यालयों में लोगों को कहा जाता है कि सबकुछ ऑनलाइन उपलब्ध है तो यहां क्यों आते हैं? जब अंचल कार्यालय में यह जानकारी दी जाती है कि ऑनलाइन जमीन का विवरण नहीं दिख रहा तो जवाब मिलता है कि यदि ऐसा है तो कुछ दिन में दिखने लगेगा. इससे आमलोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर पुराने जमीन मालिक के वंशजों को ऑनलाइन कागजात ढूंढने में आसानी हाेती है. इसके साथ ही अपने गांव और कस्बे से दूर रहने वालों को भी ऑनलाइन सुविधा से जमीन के कागजात ढूंढ़ने में आसानी होती थी. 15 मार्च है समय सीमा : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ सभी जमाबंदियों का डिजिटाइजेशन करने और डिजिटाइज गलत दर्ज जमाबंदी को संशोधित करने के लिए अभियान चलाया गया है. इसकी समयसीमा 15 मार्च 2025 तय की गयी है. सभी मौजा की सभी जमाबंदी को डिजिटाइज या उसके आधार पर ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार मौजावार करना है. हल्का कर्मचारी को अपने हल्के के सभी मौजों में सुधार की जिम्मेदारी दी गयी है.
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