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पटना में डेंगू का खतरा बढ़ा, प्लेटलेट्स की मांग 70 के पार, नहीं मिल रहे डोनर

पटना जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ने से प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गयी है. हर रोज करीब 70 से ज्यादा प्लेटलेट्स यूनिट की शहर में खपत हो रही है. ऐसे में जिले में रक्तदाताओं की भी कमी हो गयी है.

आनंद तिवारी, पटना. पटना जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ने से प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गयी है. हर रोज करीब 70 से ज्यादा प्लेटलेट्स यूनिट की शहर में खपत हो रही है. ऐसे में जिले में रक्तदाताओं की भी कमी हो गयी है. इसकी वजह से मरीजों के परिजनों को दूसरे जिलों से प्लेटलेट्स की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

जिले में करीब छह सरकारी ब्लड बैंक है. इनमें पीएमसीएच, एनएमसीए, पटना एम्स और आइजीआइएमएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साथ-साथ जयप्रभा ब्लड बैंक व रेड क्रॉस ब्लड बैंक शामिल हैं. पीएमसीएच व पटना एम्स की बात करें तो यहां हर रोज करीब 25 यूनिट की मांग आ रही है. यही हाल आइजीआइएमएस व एनएमसीएच मेडिकल कॉलेज का है. वहीं प्राइवेट ब्लड बैंकों में भी प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी है. इससे मरीज परेशान हो रहे हैं.


पटना में 110 पहुंचा डेंगू का आंकड़ा

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में डेंगू का आंकड़ा 100 पार करते हुए 110 के करीब पहुंच गया है. लेकिन प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या इससे कई गुणा अधिक बतायी जाती है. पीएमसीएच व एनएमसीएच में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाएं गये हैं. दोनों अस्पताल मिलाकर कुल सात डेंगू के मरीज भर्ती किये गये हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग व अस्पताल प्रशासन की ओर से डेंगू वार्ड व डेंगू के मरीजों के ऊपर पूरा ध्यान दे रहा है. विशेषज्ञ डॉक्टर संभावना जता रहे हैं कि प्लेटलेट्स की मांग और बढ़ सकती है.

एम्स में रोज आठ से 10 एसडीपी दान हो रहे

राजधानी में तेजी से बढ़ रहे डेंगू के मामलों के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना (एम्स) के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की मांग डेढ़ से दो गुना तक बढ़ गयी है. डेंगू के सीजन से पहले यहां रोजाना तीन से चार सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) दान कर मरीजों के लिए दिये जाते थे. इनमें अधिकतर मरीज हेमेटोलॉजी विभाग या कैंसर से पीड़ित होते थे जिन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती थी. सूत्रों के अनुसार, अब पिछले 10 दिनों में रोज आठ से 10 सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) दान किये जा रहे हैं. इनमें आधी मांग डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए है.

रिस्क नहीं लेना चाहते प्राइवेट डॉक्टर

प्राइवेट अस्पताल में दाखिल संदिग्ध डेंगू मरीजों की 30-20 हजार प्लेटलेट्स होने पर भी प्लेटलेट्स चढ़ाई जा रही है. इसका कारण है कि प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहते तो वहीं कुछ डॉक्टर परिजनों के दबाव में भी आ जाते हैं. इस कारण प्लेटलेट्स चढ़ा रहे हैं.

प्रभात खबर की अपील…

जिस तरह डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और प्लेटलेट्स की मांग भी बढ़ती जा रही है ऐसे में प्रभात खबर सभी सामाजिक संस्थाओं से आग्रह करता है कि वह एक-एक रक्तदान शिविर अवश्य लगाएं ताकि प्लेटलेट्स को लेकर पटना जिले में किसी मरीज को परेशानी न हो और साथ ही लोगों से भी अपील करता है कि वह भी बढ़-चढ़कर रक्तदान करें.

वर्ष मलेरिया डेंगू

  • 2017 – 165 1254

  • 2018 – 98 1406

  • 2019 – 125 1227

  • 2020 – 34 693

  • 2021 – 12 110

नोट: आंकड़ों में आंशिक अंतर हो सकते हैं

10 हजार या इससे कम प्लेटलेट्स होने पर खतरा

पटना एम्स ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ नेहा कुमारी ने बताया कि डेंगू की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गयी है. हालांकि पटना एम्स में अभी प्लेटलेट्स की कमी नहीं है. लेकिन लोगों से अपील की जा रही है कि वह अधिक से अधिक ब्लड डोनेट करें ताकि प्लेट्सलेटस की कमी नहीं हो. उन्होंने कहा कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई मरीजों में दस हजार तक पहुंच जाती है. शरीर में प्लेटलेट की संख्या 10 हजार से कम आने पर रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है.

Posted by Ashish Jha

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