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Dengue In Patna: ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा डेंगू, कमजोरी के साथ फेफड़े व लिवर पर दिख रहा असर

पटना में बीते 10 दिनों से मरीज बहुत कम प्लेटलेट्स के साथ अस्पताल आ रहे हैं. डेंगू की वजह से मरीजों के लिवर, पेट और फेफड़ों में पानी भर रहा है. सांस फूलना, ब्लीडिंग की समस्या, पेट दर्द, बीपी कम होने जैसी समस्याएं आ रही हैं.

आनंद तिवारी, पटना : डेंगू ठीक हो जाने के बाद भी मरीजों का पीछा नहीं छोड़ रहा है. खास बात तो यह है कि डेंगू से ठीक होने के वाले अधिकतर मरीजों में कमजोरी के साथ किडनी, लिवर, फेफड़ों में साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है. इनमें से कुछ ऐसे मरीज हैं, जो पिछले एक सप्ताह के अंदर पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच व अन्य बड़े प्राइवेट अस्पतालों के ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे हैं, जिससे पोस्ट डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ी है. वहीं, हल्के लक्षण वाले मरीजों में सबसे अधिक कमजोरी, भूख नहीं लगना व पाचन तंत्र की समस्या देखने को मिल रही है.

थकान के साथ महसूस होती है कमजोरी

फिजिशियन डॉ बिमल रॉय ने बताया कि रिकवरी के बाद कई लोग डेंगू के बाद होने वाले लक्षणों से पीड़ित नहीं होते हैं, लेकिन यह उन लोगों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है व अक्सर तबीयत नासाज रहती है या जो डेंगू के गंभीर संक्रमण की चपेट में हैं. इनमें बच्चे और 50 साल से अधिक उम्र के लोग अधिक शामिल होते हैं.

डॉ बिमल ने बतया कि जिन मरीजों की इम्युनिटी पहले से कमजोर है और वह डेंगू से ठीक हुए हैं, तो इस तरह के मामलों में उनको बहुत थकान और कमजोरी महसूस होती है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने घरों के आसपास घूमने में भी दिक्कत होती है. इसके अलावा डेंगू की वजह से आने वाला बुखार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कई हफ्तों के लिए बिगाड़ सकता है, जिससे संबंधित व्यक्ति को अन्य इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है.

डेंगू मरीजों में लिवर व लंग्स में मिल रहे दुष्प्रभाव

बीते 10 दिनों से मरीज बहुत कम प्लेटलेट्स के साथ अस्पताल आ रहे हैं. डेंगू की वजह से मरीजों के लिवर, पेट और फेफड़ों में पानी भर रहा है. सांस फूलना, ब्लीडिंग की समस्या, पेट दर्द, बीपी कम होने जैसी समस्याएं आ रही हैं. लिवर और लंग्स की प्रॉब्लम बहुत ज्यादा मिल रही है. डॉक्टरों के मुताबिक लोग पहले गंभीरता से नहीं लेते और हालत बिगड़ने पर आते हैं. वहीं जो जागरूक मरीज हैं उनका समय से इलाज होने पर वे एक सप्ताह में ठीक हो जाते हैं.

जो मुंह से खा सकते हैं, वे ग्लूकोज न लगवाएं

आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि आइजीआइएमएस में रोज चार से पांच मरीज भर्ती के लिए आ रहे हैं. मरीज डेंगू पॉजिटिव होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक से फौरन इलाज शुरू कराएं. बेवजह ड्रिप न लगवाएं. वे मरीज जो मुंह से खुद खाने में समर्थ हैं, वे ग्लूकोज बिल्कुल न लगवाएं. इससे हालत खराब हो सकती है. अगर किसी को गंभीर समस्या नहीं है, तो घर पर आराम करें व लिक्विड ज्यादा लें.

क्या कहते हैं अधिकारी

पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि कुछ मरीजों में प्लेटलेट्स कम होने के साथ ही पैंक्रियाज में सूजन मिल रही है. पेट, और गाॅल ब्लाडर में पानी भरने के लक्षण तो आम हैं ही. ऐसा इसलिए हो रहा है कि लोग डेंगू के गंभीर लक्षणों को अनदेखा कर रहे हैं और घर में ही रहते हैं. गंभीर लक्षणों में बेहोशी होना, सांस लेने में तकलीफ, नाक और मसूड़ों से खून आना, शौच व उल्टी में खून आना शामिल हैं.

डेंगू के लक्षण

  • ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार

  • सिर, पेट, मांसपेशियों और जोड़ों में असहनीय दर्द

  • बहुत ज्यादा कमजोरी लगना और भूख न लगना

  • शरीर पर चकत्ते पड़ना, हाथ-पैर ठंडे पड़ने, बार-बार उलटी होना, जी मिचलाना

  • बेहोशी छाने और हालत गंभीर होने पर मुंह-नाक से खून निकलना

डेंगू से बचाव

  • फुल बाजू की शर्ट, फुल पैंट, सलवार, ट्राउजर आदि पहनें

  • शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाकर रखें

  • सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें

  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें

  • डेंगू के प्राथमिक लक्षण दिखने पर खुद दवा लेने की बजाय किसी अच्छे चिकित्सक को दिखाएं

Prabhat Khabar Digital Desk
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