संवाददाता, पटना
श्रम संसाधन विभाग ने बिहार में लोगों को रोजगार सह नियोजन मेला या जॉब फेयर में कितने को नौकरी मिली है. इसका पूरा डेटाबेस तैयार करेगा. इस डेटाबेस की नियमित समीक्षा के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जायेगी, जिससे विभाग को यह मालूम हो पायेगा कि रोजगार पाने वाले कितने लोग काम कर रहे हैं या किस कारण से काम को छोड़ा है. अगर किसी ने काम छोड़ा है, तो उसका कारण क्या रहा है. हाल के दिनों में विभाग को मिली शिकायत में यह कहा गया है कि रोजगार मेले में नौकरी देने वाली कुछेक कंपनियां बाद में वेतनमान में बदलाव और काम में भी बदलाव करने लगती हैं. इसको लेकर विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. इसको लेकर पहले भी बैठक हुई है, जिसे पहली बार लागू किया जा रहा है. नियोजन मेला व जॉब कैंप में जिन अभ्यर्थियों को नौकरी दी जाती है.उसके साथ धोखाधड़ी और शोषण किया जाता है. विभाग को कई स्रोतों से लगातार इस संबंध में शिकायत मिलती रहती है. इन्हीं शिकायतों के बाद विभाग ने सभी का डेटाबेस तैयार कराया है, जिससे यह पता चल पायेगा कि नियोजन मेले में जिन्हें रोजगार मिला है, उन्हें कंपनियों ने रखा है या निकाल दिया है.
अब विभाग इन लोगों से फोन कर पूछेंगे कि उन्हें कब रोजगार मिला. रोजगार मिला तो वह अभी नौकरी में हैं या नहीं .अगर नौकरी में नहीं हैं, तो उन्हें कितने दिनों के बाद कंपनी ने बाहर किया. अगर जो कोई नौकरी में होगा, तो उनसे पूछा जायेगा कि नियोजन के एवं में कंपनी ने उनसे आर्थिक शोषण तो नहीं किया है. कंपनी कोई अतिरिक्त राशि की मांग तो नहीं की गयी. साथ ही यह भी जाना जायेगा कि नियोजन के समय कंपनी ने जितनी राशि देने की बात कही थी, उतना वेतन मिल रहा है या नहीं.
नेशनल कैरियर सर्विस पोर्टल पर अब तक एक लाख 28 हजार से अधिक कंपनियों ने निबंधन कराया है. जो बिहार के लोगों को अपने यहां रोजगार देगी. आंकड़ों के मुताबिक 2015-16 में मात्र दो कंपनियों ने ही पंजीकरण कराया था. 2016-17 में 49 कंपनियां, 2017-18 में 50 कंपनियां, 2018-19 में 98 कंपनियां, 2019-20 में 775, 2020-21 में 757 कंपनियां, 2021-22 में मात्र 614 कंपनियांं, 2022-23 में 39 हजार 599 कंपनियां, 2023-24 में 68 हजार 154 कंपनियां, 2024-25 में अप्रैल में 5405, मई में 6699 तो जून में 6190 नई कंपनियों ने निबंधन कराया है.
देशभर में अबतक 29 लाख 53 हजार 932 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है. इसमें सबसे अधिक महाराष्ट्र के लिए पांच लाख 26 हजार 817 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है.वहीं ,आंध्र प्रदेश के लिए 77 हजार 548, असम के लिए 67 हजार 713, छत्तीसगढ़ के लिए 53 हजार, दिल्ली के लिए 92 हजार 843, गुजरात के लिए एक लाख 72 हजार 49, हरियाणा के लिए 99 हजार 224, कर्नाटक के लिए एक लाख 58 हजार 728, मध्य प्रदेश के लिए एक लाख 52 हजार 849 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है.
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