शशिभूषण कुंवर, पटना
बिहार में विधानसभा का चुनावी बिगुल भले ही आधिकारिक रूप से न फूंका गया हो, लेकिन कांग्रेस के सदाकत आश्रम में जो नजारा दो दिनों तक दिखा, उसने पूरे पटना का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया. यहां नेताओं की भीड़ किसी मेले से कम नहीं थी. फर्क बस इतना है कि यह ‘विधायकी का मेला’ था. 243 सीटों के लिए नेता टूट पड़े हैं. एक-एक विधानसभा सीट के लिए औसतन 14 से अधिक दावेदार हाज़िर हुए. इनमें मौजूदा विधायक भी थे और उन्हीं की सीट से नये चेहरों ने भी अपनी किस्मत आजमाने की ठानी. कांग्रेस के टिकट की चाहत लिये एक-एक विधानसभा क्षेत्र से दर्जनों नेता पटना पहुंचे.
अजय माकन के सामने ‘टिकट महाकुंभ’ : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने दो दिनों तक बिना थके प्रदेशभर से आये 3,500 से अधिक दावेदारों के आवेदन स्वीकार किये. हर उम्मीदवार से आमने-सामने बातचीत कर उनका राजनीतिक बायोडेटा सुना. अब यह ‘टिकट कलेक्शन’ माकन के ब्रीफकेस में सुरक्षित दिल्ली पहुंच चुका है, जहां आगे का फैसला होगा. टिकट की दौड़ शुरू तो ऑनलाइन आवेदन से हुई थी, लेकिन जैसे ही खबर फैली कि स्क्रीनिंग कमेटी पटना आ रही है, कई ‘डिजिटल उम्मीदवार’ खुद को प्रत्यक्ष दिखाने आश्रम पहुंच गये.
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