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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा – दूसरे राज्यों ने मुसीबत में छोड़ा हम मुहैया करायेंगे रोजगार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग दूसरी जगह काम करने गये थे, वे सेवा करने गये थे. लेकिन दूसरे राज्यों के लोगों व कंपनियों ने मुसीबत में इनका ध्यान नहीं रखा. यह बहुत दुखद है.

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग दूसरी जगह काम करने गये थे, वे सेवा करने गये थे. लेकिन दूसरे राज्यों के लोगों व कंपनियों ने मुसीबत में इनका ध्यान नहीं रखा. यह बहुत दुखद है.उन्होंने कहा कि जो लोग यहां रह रहे हैं और जो लोग बाहर से लौटे हैं, सभी के रोजगार के लिए यहीं व्यवस्था की जा रही है, ताकि किसी को मजबूरी में बिहार से बाहर नहीं जाना पड़े. अगर कोई अपनी इच्छा से बाहर जाता है, तो वह दूसरी बात है.

मुख्यमंत्री बुधवार को कोरोना उन्मूलन के लिए जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने त्रि-स्तरीय पंचायती राज और नगर निकायों के प्रतिनिधियों समेत आम नागरिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया. उनके संबोधन को पहली बार फेसबुक समेत अन्य सभी सोशल मीडिया पर भी लाइव किया गया था. करीब 13.5 लाख लोगों ने उन्हें सोशल मीडिया पर लाइव सुना. मुख्यमंत्री का राज्य में इतना बड़ा ऑनलाइन संबोधन पहली बार हुआ है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा, जल-जीवन-हरियाली, सड़क निर्माण समेत अन्य कार्यक्रमों की शुरुआत की गयी है. इसके लिए ग्रामीण विकास, नगर विकास एवं आवास समेत अन्य विभागों को खासतौर से निर्देश दिया गया है. ताकि ये अधिक-से-अधिक संख्या में रोजगार मुहैया करा सकें. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में प्रत्येक परिवार को चार मास्क और साबुन मुफ्त वितरित किये जा रहे हैं. शहर में भी जरूरतमंद लोगों के बीच मास्क का मुफ्त वितरण किया जा रहा है.

एक से दूसरे राज्य जाने वाला प्रवासी नहीं : नीतीश कुमार ने कहा, जब एक देश है, नागरिकता एक है, तो फिर एक से दूसरे राज्य में जाने वाले लोग प्रवासी कैसे हो गये. बाहर जाकर काम करने वाले लोगों को प्रवासी क्यों कहा जाता है? यह गलत है. हम ऐसे लोगों को प्रवासी नहीं कहते हैं. प्रवासी तो तब होगा, जब वह देश से बाहर जायेगा. एक देश में कहीं का कोई कहीं गया, तो वह प्रवासी कैसे हो गया?

आइसोलेशन केंद्रों में बेडों की संख्या बढ़ाकर होगी 40 हजार : मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक आइसोलेशन केंद्रों में 13 हजार 496 बेडों की उपलब्धता है, जिन्हें 40 हजार तक बढ़ाने का लक्ष्य है. जो भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिलते हैं, उन्हें आइसोलेशन केंद्रों में पर रखा जाये. आइसोलेशन केंद्रों का विस्तार किया गया है. अभी बिना कार्यरत वाले सरकारी भवन के साथ-साथ निजी व्यावसायिक भवनों में आइसोलेशन केंद्र खोले जा रहे हैं.

कोरोना के हल्के लक्षण वालों को रखा जाये अनुमंडल स्तरीय केंद्रों में : मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित गैर लक्षणों वाले लोगों को आइसोलेशन केंद्रों में रखा जायेगा. जिन्हें हल्के लक्षण हों, उन्हें अनुमंडल स्तर पर बनाये गये कोविड हेल्थ सेंटरों में रखा जायेगा. ज्यादा बीमार लोगों को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में रखा जायेगा. एनएमसीएच, जेएनएमसीएच, व एएनएमएमसीएच को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में िचह्नित गया है. इनमें कोरोना पीड़िताें के लिए 2344 बेड हैं.

posted by pritish sahay

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