बिहार के छपरा में भू-माफियाओं का बड़ा खेल सामने आया है. फर्जी दस्तावेज बनाकर सारण जिले में स्थित रामनगर राज की दो एकड़ 53 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री करा दी गयी. इसमें एक ही डीड नंबर से 20 से अधिक अलग-अलग जमीन और नाम पर रजिस्ट्री हुई. पूरा मामला जब सामने आया तो अब इसकी जांच शुरू हो गयी है. अरबों की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री हुई है. डीएम ने जांच कमिटी बनायी है और 28 अप्रैल तक इसकी रिपोर्ट मांगी है.
छपरा जंक्शन के पास है जमीन, फर्जी रजिस्ट्री की गयी
छपरा जंक्शन के पास स्थित रामनगर स्टेट (छावनी) की जमीन की फर्जी रजिस्टरी और खरीद-बिक्री की खबर प्रभात खबर ने शनिवार के अंक मे प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर प्रकाशित होने के बाद डीएम अमन समीर ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. इसकी जांच का जिम्मा एडीएम और रजिस्ट्रार सारण को दिया गया है.
जमीन की फर्जी खरीद-बिक्री को लेकर बोले डीएम
डीएम ने बताया कि 1960, 1961, 1962 के कई दस्तावेज जिला निबंधन कार्यालय में गायब हैं और उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. उन्होने बताया कि मिसिंग दस्तावेजों के रिकॉर्ड नंबर का गलत उपयोग करते हुए कुछ लोगो द्वारा जमीन की फर्जी खरीद-बिक्री की जा रही है. इसको लेकर डीएम ने जांच करने के बाद 28 अपरैल की शाम तक रिपोर्ट देने को कहा है.
डीएम ने दिए निर्देश
डीएम ने जिला अवर निबंधक को निर्देश दिया है कि पूर्व वर्ष के सभी मिसिंग दस्तावेजों की सूची एक महीने के भीतर तैयार की जाये. यह सूची नगर निगम और सभी अंचल कार्यालयों को उपलब्ध करायी जायेगी ताकि संदिग्ध दस्तावेजों पर निगरानी रखी जा सके और एक ही दस्तावेज का बार-बार उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.
क्या है मामला?
भगवान बाजार थाना क्षेत्र के छपरा जंक्शन के समीप स्थित रामनगर राज (छावनी) जो कि रामनगर चंपारण स्टेट की जमीन है. यह राजा मोहन विक्रम साह उर्फ रामराजा के नाम से लगभग दो एकड़ 53 डिसमिल जमीन है, इस जमीन की रजिस्ट्री 1901 से लेकर 1902 के बीच हुई थी. इसका रजिस्ट्रेशन रजिस्टर टू में दर्ज है. इसके बाद भू-माफियाओ ने फर्जी दस्तावेज बनाकर 20 से अधिक लोगों को जमीन बेच दी और रजिस्ट्री करा दी.

