पटना. संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना में विश्व दुग्ध दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ इंद्रजीत सिंह ने कहा कि राज्य में बुल मदर फार्म की दिशा में प्रयास हो, ताकि उत्कृष्ट नस्ल के पशु तैयार हो सकें. भैंस का दूध अधिक पौष्टिक होता है. इसमें 25% कम पानी होता है और इससे बनने वाले उत्पाद अधिक मात्रा में प्राप्त होते हैं. लेट्स सेलिब्रेट द पावर ऑफ डेयरी, इस वर्ष का थीम है. विशिष्ट अतिथि कॉम्फेड पटना के महाप्रबंधक हमीद उद्दीन ने हीट स्ट्रेस से पशुओं की उत्पादकता पर असर पड़ने पर चर्चा की. इयर टैगिंग जरूरी है. डेयरी निदेशक केदारनाथ सिंह ने कहा कि भैंस पालन जरूरी है.
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