Bihar: हैदराबाद की एक फर्जी निवेश कंपनी के जरिए देशभर में फैले 4000 करोड़ रुपये की ठगी के मामले ने अब बिहार को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है. इस सनसनीखेज घोटाले में भोजपुर जिले की एक महिला और उसके जेठ को रविवार को पटना के दानापुर इलाके से गिरफ्तार किया गया. आरोपितों पर सौ करोड़ रुपये से अधिक की ठगी में प्रत्यक्ष संलिप्तता का आरोप है.
दानापुर में किराए के फ्लैट में रह रहे थे आरोपी, पुलिस ने किया छापा
तेलंगाना पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (CID-EOW) की एक विशेष टीम पटना पहुंची और स्थानीय दानापुर थाना की मदद से त्रिभुवन मोड़ स्थित एक अपार्टमेंट में छापेमारी की. यहां से आरा निवासी सुषमा राज (पति संदीप कुमार) और रवीन्द्र प्रसाद सिंह (पिता स्व. कामता सिंह) को गिरफ्तार किया गया। दोनों कई महीनों से पहचान छिपाकर किराए के फ्लैट में छुपे हुए थे.
सुराग बने जेवर, पासपोर्ट और 21 क्रेडिट कार्ड
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनके कब्जे से 8.30 लाख रुपये नकद, 10 मोबाइल फोन, 21 क्रेडिट कार्ड, 6 पासपोर्ट, 3 बैंक पासबुक, 16 पहचान पत्र, 8 महंगी घड़ियां और हीरे-जवाहरात से जड़े 10 महंगे जेवरात बरामद किए. बरामद सामग्री यह साफ संकेत देती है कि दोनों किसी संगठित और उच्चस्तरीय फर्जीवाड़ा गिरोह का हिस्सा थे.
चार हजार करोड़ की धोखाधड़ी में बिहार कनेक्शन
11 फरवरी 2025 को तेलंगाना CID ने इस मामले में केस संख्या 10/25 दर्ज किया था. शुरुआती जांच के दौरान सुषमा और रवीन्द्र सिंह के नाम सामने आए थे, जिसके बाद तेलंगाना पुलिस की टीम बिहार भेजी गई. बताया जा रहा है कि यह ठगी पूरे देश में निवेश के नाम पर की गई थी, जिसमें फर्जी ऐप्स और दस्तावेजों के जरिए लोगों को बहकाया गया.
अब हैदराबाद ले जाई जाएगी गिरफ्त में आई जोड़ी
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सुषमा और रवीन्द्र सिंह भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के मूल निवासी हैं. उन्हें फिलहाल पटना में रखा गया है और जल्द ही ट्रांजिट रिमांड पर हैदराबाद ले जाया जाएगा, जहां मुख्य जांच चल रही है.
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देशभर में फैला नेटवर्क, कई और गिरफ्तारियों की आशंका
तेलंगाना पुलिस का मानना है कि यह सिर्फ शुरुआत है. मामले की जांच में कई और नाम सामने आ सकते हैं, जो विभिन्न राज्यों में बैठे इस ठगी के जाल को चला रहे थे. पुलिस अब यह भी खंगाल रही है कि फर्जी निवेश के जरिए कितने लोगों को चूना लगाया गया और कितनी रकम देश से बाहर भेजी गई.