Bihar Politics: बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. विपक्षी महागठबंधन की पहली बैठक गुरुवार को पटना में आयोजित की गई, जिसमें कांग्रेस, राजद, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई माले और वीआईपी पार्टी के नेताओं ने हिस्सा लिया. इस बैठक के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने महागठबंधन और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस नेता का मुख्यमंत्री बनने का सपना था, उसे अब कोऑर्डिनेशन कमेटी में क्लर्क जैसी भूमिका दी गई है.
जमीन मजबूत करने में जुटी कांग्रेस- जायसवाल
दिलीप जायसवाल ने कहा कि महागठबंधन ने अपनी पहली ही बैठक में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव के कद को छोटा कर दिया. यह दिखाता है कि महागठबंधन के भीतर सब ठीक नहीं है और कांग्रेस बहुत चालाकी से बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में लगी है.
दिलीप जायसवाल ने कहा कि अब तक कांग्रेस को “झोला टांगने वाली पार्टी” की तरह ट्रीट किया जाता था, लेकिन अब राहुल गांधी को इस बात का अहसास हो गया है कि अगर पार्टी ने अपनी रणनीति नहीं बदली तो बिहार में उसका पूरी तरह सफाया हो जाएगा. इसलिए कांग्रेस अब अपने हिसाब से महागठबंधन को दिशा देने की कोशिश कर रही है और यही कारण है कि तेजस्वी यादव जैसे नेता को पीछे धकेल कर खुद आगे आ रही है.
दिलीप जायसवाल ने कहा कि 17 अप्रैल महागठबंधन के लिए सबसे बड़ा दिन था. पहली बैठक में ही तेजस्वी को किनारे कर कांग्रेस ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि अब मनमानी नहीं चलेगी.
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24 अप्रैल को होगी दूसरी बैठक
17 अप्रैल को हुई पहली बैठक के बाद महागठबंधन की दूसरी बैठक 24 अप्रैल को होने वाली है. इससे पहले कांग्रेस प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे बिहार दौरे पर आ रहे हैं. बिहार में खरगे दो जनसभा को संबोधित करेंगे. उनके दौरे पर दिलीप जायसवाल ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दल अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतारते हैं, यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि नेता आ रहे हैं, रैलियां हो रही हैं, बयानबाजी हो रही है, लेकिन जनता सब देख रही है.
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