Bihar News:जमुई और वैशाली के बाद अब पश्चिम चंपारण के बगहा जिले में पुलिस टीम पर हमला हुआ है. शराबबंदी कानून को लागू कराने के नाम पर पुलिस और उत्पाद विभाग गांव–गांव छापेमारी कर रहे हैं, लेकिन हर बार यह कार्रवाई विवादों और हिंसा में बदल जाती है.
रविवार देर शाम धनहा थाना क्षेत्र के कथार गांव के पास उस समय बवाल मच गया, जब पुलिस की कार्रवाई में एक युवक घायल हो गया. आरोप लगते ही ग्रामीण भड़क उठे और उत्पाद विभाग की स्कॉर्पियो पर जमकर पथराव कर दिया.
बगहा में तनाव का माहौल
घटना बांसी–धनहा मुख्य सड़क पर स्थित कथार गांव के पास हुई. जानकारी के अनुसार, उत्पाद विभाग की टीम को यूपी–बिहार सीमा के देवीपुर इलाके में अवैध शराब कारोबार की सूचना मिली थी. टीम छापेमारी के लिए गांव पहुंची और वहां मौजूद दो युवकों को पकड़ने की कोशिश की. एक युवक पुलिस के हत्थे चढ़ गया, जबकि दूसरा भागते–भागते गिर पड़ा और गंभीर रूप से घायल हो गया.
घायल युवक को देखकर गांव के लोग भड़क गए. उन्हें लगा कि युवक को पुलिस ने मारा है. देखते ही देखते बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और उत्पाद विभाग की स्कॉर्पियो गाड़ी को घेर लिया. गुस्से में लोगों ने गाड़ी पर पथराव कर दिया, जिससे वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.
अफरातफरी में भागे दरोगा और सिपाही
हमले के दौरान स्कॉर्पियो में उत्पाद विभाग के दरोगा, तीन सिपाही और वाहन चालक मौजूद थे. पथराव इतना तेज था कि उन्हें गाड़ी छोड़कर भागना पड़ा. ग्रामीणों ने पत्थरों से गाड़ी का शीशा तोड़ डाला और चारों ओर अफरातफरी का माहौल हो गया.
बाद में घायल युवक की पहचान गद्दियानी टोला निवासी बृजलाल यादव के रूप में हुई, जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही धनहा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की. थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं, उत्पाद थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी मिलते ही वे घटनास्थल के लिए रवाना हो गए.
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उत्पाद विभाग की टीम गांव में बिना वर्दी और बिना महिला पुलिसकर्मी के प्रवेश करती है. अचानक छापेमारी और तलाशी से लोगों में दहशत फैल जाती है. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई के दौरान अक्सर निर्दोष लोगों को परेशान किया जाता है. बगहा की इस घटना ने ग्रामीणों और पुलिस के बीच अविश्वास को और गहरा कर दिया है.
बढ़ते हमले और पुलिस की मुश्किलें
बिहार में शराबबंदी लागू हुए कई साल हो चुके हैं, लेकिन इसे लागू करने में पुलिस को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले कुछ महीनों में जमुई, वैशाली और अब बगहा में पुलिस टीम पर हमला हुआ है.
ग्रामीणों का गुस्सा और पुलिस पर बढ़ते हमले एक गंभीर सवाल खड़ा करते हैं—जब पुलिस खुद सुरक्षित नहीं है, तो वह जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करेगी?
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