Bihar News: पटना के आसपास के 13 इलाकों का कचरा इकट्ठा कर उससे बिजली बनाई जाएगी. इसके लिए रामचक बैरिया में एक प्लांट लगाया जाएगा. यह प्रोजेक्ट लोक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर चलेगा, जिसमें पटना क्लस्टर में 514 करोड़ 59 लाख रुपये का निवेश किया जाएगा. यह फैसला बुधवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में लिया गया है. इस प्लांट में रोजाना करीब 1,600 टन कचरे को छांट कर निपटाया जाएगा.
हर दिन बनेगा 15 मेगावाट बिजली
ठोस कचरे से हर दिन करीब 15 मेगावाट बिजली बनाई जाएगी. इसके अलावा 100 टन रोज क्षमता का बायो-गैस प्लांट और 50 टन रोज क्षमता का रिसाइक्लिंग प्लांट भी स्थापित किया जाएगा.
इन इलाकों के कचरे का होगा इस्तेमाल
इस प्लांट में पटना, दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, संपतचक, मनेर, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर, पुनपुन और खुसरूपुर से कचरा इकट्ठा कर उसका निपटान किया जाएगा. राज्य कैबिनेट ने ठोस कचरा प्रबंधन योजना के तहत इसे मंजूरी दे दी है.
लगाया जाएगा MRF, RDF प्लांट
योजना के तहत हर दिन 700 टन क्षमता का कम्पोस्ट प्लांट लगाया जाएगा, जहां कचरे से खाद बनाई जाएगी. इसके अलावा 325 टन प्रतिदिन क्षमता वाला सैनेटरी लैंडफिल तैयार होगा, जिसमें गैर-रीसाइकल कचरे का सुरक्षित निपटान किया जाएगा. साथ ही 250 टन रोज क्षमता का MRF (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सह RDF (रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल) प्लांट भी बनाया जाएगा.
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शहर को कचरा मुक्त करने की ओर बड़ा कदम
बता दें कि इन प्लांटों में कचरे को आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेस करके उसका सुरक्षित निपटान किया जाएगा. यहां कचरे को अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर उपयोगी चीजें निकाली जाएंगी और बेकार सामग्री को सही तरीके से निपटाया जाएगा. इससे शहर साफ-सुथरा और कचरा मुक्त बनाने में मदद मिलेगी. साथ ही गंदगी और प्रदूषण कम होगा, जिससे हवा-पानी की क्वालिटी में सुधार आएगा और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)
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