Bihar News: बिहार में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने एक नई पहल की है. मधुबनी के प्रसिद्ध मिथिला हाट की तर्ज पर अब पटना में ‘मगही हाट’ और रोहतास में ‘भोजपुरी हाट’ बनाए जाएंगे. इन दोनों परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल स्थानीय संस्कृति को संजोना है, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराना भी है. इन हाटों में खानपान, हस्तशिल्प, परंपराएं, लोक कलाएं और शादी-विवाह जैसे आयोजन भी शामिल होंगे.
भोजपुरिया संस्कृति का नया केंद्र भोजपुरी हाट
भोजपुरी हाट रोहतास के इंद्रपुरी बैराज के समीप जल संसाधन विभाग की 10 एकड़ जमीन पर विकसित किया जाएगा. कुल 25 करोड़ 25 लाख रुपए की लागत से बनने वाला यह हाट सितंबर 2026 तक पूरा होगा. इस परियोजना के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है और इसे बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड बना रहा है. यह हाट इंद्रपुरी बैराज की प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थित होगा, जो इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाएगा.
इन सामानों की होगी बिक्री
इस हाट में सत्तू, बड़ी रोटी, लिट्टी-चोखा, मखाना खीर जैसे भोजपुरिया व्यंजन उपलब्ध होंगे. साथ ही, कैमूर पहाड़ियों और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से आए हुए किसान और वनवासी अपने उत्पाद बेच सकेंगे. इससे उन्हें एक स्थायी और बड़ा बाजार मिलेगा. स्थानीय हस्तशिल्प, लकड़ी के खिलौने, मिट्टी के बर्तन और पारंपरिक वस्त्र भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे. यह जगह युवा-युवतियों के विवाह जैसे आयोजनों के लिए भी एक बेहतरीन विकल्प बनेगा.
‘मगही हाट’: मगध की विरासत को मिलेगा नया मंच
मगही हाट पटना के हेक्सा भवन में विकसित किया जाएगा, जो गांधी मैदान के पास स्थित है. फिलहाल यह भवन खंडहरनुमा स्थिति में है, लेकिन इसे अब पूरी तरह से पुनर्निर्मित किया जाएगा. इस हाट को 48 करोड़ 96 लाख रुपए की लागत से तैयार किया जाएगा और इसके निर्माण का लक्ष्य जून 2027 तक पूरा करना है. यहां अंडरग्राउंड पार्किंग, फायर फाइटिंग सिस्टम, लिफ्ट और सीसीटीवी जैसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी व्यवस्था की जाएगी.
वोकल फॉर लोकल को देगा बढ़ावा
मगही हाट का डिजाइन दिल्ली हाट और मिथिला हाट की तरह होगा. यहां गंगा नदी की ठंडी हवा का आनंद लेते हुए पर्यटक मगध क्षेत्र के पारंपरिक व्यंजनों और हस्तशिल्प का अनुभव कर सकेंगे. यह तीन मंजिला इम्पोरियम होगा, जिसमें दो रेस्तरां, बच्चों के लिए गेम ज़ोन और हस्तकला से जुड़े उत्पादों की दुकानों की सुविधा होगी. मगही हाट ‘वोकल फॉर लोकल’ की अवधारणा को मजबूती देगा और स्थानीय कलाकारों को एक स्थायी मंच और बाजार प्रदान करेगा.
26 एकड़ में फैला है मिथिला हाट
बिहार में फिलहाल एकमात्र सांस्कृतिक हाट मधुबनी के झंझारपुर में स्थित मिथिला हाट है. यह हाट 26 एकड़ क्षेत्र में फैला है और इसमें 4500 लोगों के एक साथ रुकने की सुविधा है. यहां परंपरागत उपकरण जैसे ढेकी, उखैड, जांता आदि आज भी संरक्षित हैं. महिलाएं मिट्टी के तावे पर मडुआ और मक्के की रोटियां बना रही हैं. साथ ही, ठरिया साग, तिलकोर का तरुआ, दूध बगिया, बैगन का चोखा जैसे पारंपरिक व्यंजन भी पर्यटकों को परोसे जाते हैं.
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