Bihar News: बिहार में घोड़परास (नीलगाय) से फसल क्षति होने पर सरकार की ओर से मुआवजा का प्रावधान किया गया है. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने बताया कि किसानों की फसल नष्ट किये जाने पर सरकार की ओर से प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की फसल क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान है. इसके साथ ही ऐसे जानवर के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो 10 लाख मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है.
जानवरों से घायल होने पर मिलेगा मुआवजा
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डा सुनील कुमार सोमवार को विधानसभा में मुकेश कुमार यादव, समीर कुमार महासेठ, प्रतिमा कुमार, मो अंजार नईमी और सूर्यकांत पासवान के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब दे रहे थे. उन्होंने बताया कि अभी तक किसी भी क्षेत्र में पूरी फसल बर्बाद करने की सूचना नहीं है. घोड़परास की अधिक संख्या होने के बाद समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, नालंदा सहित विभिन्न जिलों इस वर्ष 4279 घोड़परास का शिकार किया गया है. उन्होंने बताया कि ऐसे जंगली जानवारों द्वारा किसी व्यक्ति को गंभीर रूप से चोट पहुंचाने पर एक लाख 44 हजार जबकि हल्की चोट पहुंचाने पर 24 हजार की सहायता दी जाती है.
घोड़परास के शिकार करने पर मिलेंगे रुपये
मंत्री डॉ सुनील कुमार ने बताया कि पहले वन प्रमंडल के द्वारा 100 घोड़परास के शिकार की, जबकि मुख्य वन संरक्षक द्वारा 500 घोड़परास के शिकार की अनुमति का प्रावधान किया गया है. अभी हर पंचायत के मुखिया को यह अधिकार दिया गया है कि इसकी सूचना मिलने के बाद वह ऐसे जानवरों को शिकार करने की अनुमति देंगे. सूटरों द्वारा एक घोड़परास के शिकार करने पर 750 रुपये और उसको जमीन में गोड़ने के लिए 1250 रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने बताया कि बिहार की इस योजना का जानकारी लेने के लिए दूसरे राज्य के लोग बिहार में जानकारी के लिए आ रहे हैं.