Bihar News: पटना. बिहार में बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है. गर्मी के इस मौसम में बिहार में बिजली की खपत रिकार्ड 9 हजार मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है. ऐसे में सरकार ने बिहार के लोगों को निर्बाध बिजली देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. बिजली कंपनियों ने खुले बाजार से बिजली खरीदने का निर्णय लिया है. बिजली कंपनी ने इस बाबत विनियामक आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की थी. आयोग ने याचिका पर मंजूरी दे दी है. इसके तहत कंपनी सितम्बर तक जरूरत के अनुसार बाजार से बिजली की खरीदारी करेगी.
चार नई यूनिटों से मिलनी है 1820 मेगावाट बिजली
कंपनी अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष बिहार को चार नई यूनिटों से 1820 मेगावाट बिजली मिलनी है. इसमें नॉर्थ कर्णपुरा से 297 मेगावाट, बक्सर के चौसा की पहली इकाई से 561 मेगावाट और दूसरी इकाई से 561 मेगावाट, जबकि बाढ़ स्टेज एक की तीसरी इकाई से 401 मेगावाट बिजली मिलनी है. इन इकाइयों को मई-जून में ही शुरू हो जाना था, लेकिन कतिपय कारणों से इन यूनिटों से विधिवत बिजली उत्पादन में समय लग सकता है. ऐसे में कंपनी ने डीप पोर्टल और खुले बाजार से बिजली की खरीद करने का निर्णय लिया है.
11-12 रुपए यूनिट तक आ सकता है खर्च
कंपनी ने मार्च में ही आयोग के समक्ष याचिका दायर की थी. उस याचिका में उपरोक्त इकाइयों के विलंब का हवाला देते हुए बाजार से और डीप पोर्टल से बिजली खरीदारी का अनुरोध किया गया था. कंपनी ने अपनी याचिका में कहा था कि बिहार के लोगों को जरूरत के अनुसार बिजली देने के लिए बाजार से खरीद करनी होगी. हालांकि डीप पोर्टल से बिजली खरीदने में कंपनी को जुलाई में 9.68 रुपए प्रति यूनिट, अगस्त में 9.84 रुपए प्रति यूनिट और सितम्बर में 9.79 रुपए यूनिट तक खर्च करने होंगे. यही नहीं, कभी-कभी तो अचानक ओपेन एक्सचेंज से बिजली खरीदने पर कंपनी को 11-12 रुपए यूनिट तक खर्च करना पड़ता है, जो सामान्य दर से दोगुना से भी अधिक होता है.