Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने राज्य में चल रहे जमीन सर्वे अभियान की अवधि डेढ़ साल बढ़ा दी है. अब जुलाई 2026 की जगह वर्ष 2027 तक सर्वे पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. सोमवार को कार्यभार संभालने के बाद उप मुख्यमंत्री एवं राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा को विभागीय अधिकारियों ने इसकी पूरी प्रगति रिपोर्ट सौंपी.
राज्यभर में 45 हजार गांव, अभी 25% में ही पूरा सर्वे
राज्य के सभी 38 जिलों और 534 अंचलों में जमीन सर्वे का काम चल रहा है. 2012 से शुरू हुए सर्वे में अब तक 5657 राजस्व गांव शामिल हैं, लेकिन इनमें से केवल 25% गांवों में ही प्रक्रिया पूरी हो सकी है. अगस्त 2024 में 37,384 गांवों में नया सर्वे शुरू किया गया था. पूरे राज्य में लगभग 14 हजार सर्वे कर्मियों की तैनाती है, जहां हर चार गांव पर एक अमीन (कुल 8035 अमीन) सर्वे का काम संभाल रहे हैं.
विभाग द्वारा 27 करोड़ पन्नों के पुराने अभिलेख स्कैन कर डिजिटल रूप में अपलोड किए जा रहे हैं. रैयतों को 48 घंटे के भीतर डिजिटल साइन की गई प्रतियां उपलब्ध कराई जा रही हैं.
स्वघोषणा के आधार पर मिल रहा जमीन का ब्यौरा
100 साल पुराने खतियान और आपसी बंटवारे न होने के कारण कई मामलों में कागजात अधूरे या अनुपलब्ध हैं. इसी वजह से जमीन मालिकों से स्वघोषणा के आधार पर जानकारी ली जा रही है. 16 अगस्त से 20 सितंबर तक चले राजस्व महाअभियान में प्राप्त 45 लाख आवेदनों की स्कैनिंग पूरी हो चुकी है. दिसंबर के दूसरे सप्ताह में विशेष शिविर लगाकर इन आवेदनों का निपटारा किया जाएगा.
भू-माफियाओं पर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी लागू होगी
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट किया कि अवैध गतिविधियों और भू-माफियाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू होगी. उन्होंने कहा कि सीओ कार्यालय से लेकर सचिवालय तक वर्किंग सिस्टम को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाएगा.
फ्लैटधारियों के लिए बड़ा बदलाव
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि अपार्टमेंट में रहने वालों के लिए नई सुविधा शुरू की जा रही है. अब सभी फ्लैटधारियों का म्यूटेशन एक ही जमाबंदी में किया जाएगा. अभी अधिकांश लोग निगम के निबंधन को ही म्यूटेशन मान लेते हैं, जिससे विभाग को राजस्व का नुकसान होता है.
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