– मंत्री विजय सिन्हा बोले, खनिज संपदा किसी वरदान से कम नहीं संवाददाता, पटना केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा है कि बिहार में खनिज संपदा के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. खनिज संसाधनों का खनन और निवेश के अवसरों में बेहतर समन्वय किया जाए तो देश में बिहार अग्रणी राज्य बन सकता है. केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री शुक्रवार को पटना के तारामंडल स्थित इंदिरा गांधी विज्ञान केंद्र में एकदिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. इसका आयोजन खान एवं भूतत्व विभाग, भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान (जीएसआइ) और मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमइसीएल) के सहयोग से किया गया था. इसका विषय था- अन्वेषण की संभावनाएं व नीलामी योग्य खनिज ब्लाकों की उपलब्धता. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री सह खान एवं भू-तत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि किसी भी प्रदेश के लिए खनिज संपदा किसी वरदान से कम नहीं होते हैं. यह वरदान तभी कारगर होता है जब पर्यावरण को संतुलित रखते हुए, एक सीमा के भीतर कोई भी खनन किया जाए. उन्होंने कहा कि खनिज संसाधनों के जिम्मेदारपूर्ण खनन, निवेश के अवसरों और विकास के लिए पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा देना ही इस कार्यशाला का उद्देश्य है. बिहार में मौजूद खनिजों पर हुई चर्चा कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने बिहार में खनिज संसाधनों जैसे चूना पत्थर, ग्लूकोनाइट, लौह अयस्क और अन्य मूल्यवान खनिजों की खोज और उनके अन्वेषण की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की. इस दौरान बिहार के विभिन्न जिलों में नीलामी के लिए उपलब्ध खनिज ब्लाकों की जानकारी, निवेश के अवसर और खनन क्षेत्र में नवीन तकनीकों के उपयोग पर भी चर्चा हुई. कार्यशाला में पर्यावरणीय संतुलन और सतत खनन प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत और तकनीकी पहलुओं पर भी विचार-विमर्श किया गया. ये रहे मौजूद कार्यशाला में खनन उद्योग से जुड़े हितधारक, निवेशक, भूवैज्ञानिक समेत खनन विभाग, बिहार के अधिकारियों ने भाग लिया. इसके अतिरिक्त, बिहार के खनन क्षेत्र में रुचि रखने वाले राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधि भी इस आयोजन में शामिल हुए.
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