Tejashwi Yadav: बिहार विधानसभा चुनाव की घंटी बजते ही राजनीतिक बयानबाजी तेज होने लगी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के “हर घर, सरकारी नौकरी” के वादे ने सियासी माहौल को और गरमा दिया है. वहीं, जेडीयू ने इस वादे को पूरी तरह अव्यावहारिक बताते हुए तीखा हमला बोला है.
सदी का सबसे बड़ा झूठ बोल रहे तेजस्वी
JDU के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने तेजस्वी यादव के वादे पर निशाना साधते हुए कहा कि यह “सदी का सबसे बड़ा झूठ” है. उन्होंने कहा कि RJD और उसका नेतृत्व झूठ और छल की राजनीति में माहिर है. ललन सिंह ने लालू-राबड़ी शासनकाल को याद करते हुए आरोप लगाया कि उस दौर में बिहार में केवल अपहरण उद्योग और भ्रष्टाचार फला-फूला था, जबकि नौकरी देने के नाम पर घोटाले हुए. उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “जो लोग चारा घोटाला कर सकते हैं, वे रोजगार क्या देंगे?”
नीतीश सरकार की उपलब्धियां गिनाईं
जदयू नेता ने दावा किया कि वास्तविक रोजगार सृजन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुआ है. उन्होंने कहा कि अब तक 10 लाख से अधिक नौकरियां दी जा चुकी हैं और 2025–2030 के बीच 1 करोड़ नई नौकरियों का लक्ष्य तय किया गया है. उन्होंने कहा, “जनता किसी नेता के वादों के बजाय उसके रिकॉर्ड को देखती है, और आरजेडी का रिकॉर्ड बेरोजगारी व भ्रष्टाचार से भरा है.”
तेजस्वी का पलटवार: “आर्थिक न्याय का दौर लाएंगे हम”
दूसरी ओर, तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनकी सरकार बनी तो हर उस परिवार में, जहाँ अब तक कोई सरकारी नौकरी नहीं है, एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के 20 दिनों के भीतर विशेष रोजगार अधिनियम लाकर 20 महीनों में सभी वादे पूरे कर दिए जाएंगे. तेजस्वी ने यह भी याद दिलाया कि 17 माह की पिछली सरकार में उन्होंने 5 लाख युवाओं को नौकरी दी थी और साढ़े तीन लाख शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिलाया था.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बीते दो दशकों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(NDA) सरकार बेरोजगारों को सहारा नहीं दे सकी. उन्होंने कहा, “हम बेरोजगारी भत्ता नहीं, सरकारी नौकरी देंगे. बिहार अब सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय का भी साक्षी बनेगा.”

